बच्चा सुन-बोल नहीं सकता है तो हैलट में कराएं निश्शुल्क कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी, जानें-किसे मिलेगा लाभ

हैलट में मूक बधिर बच्चों की मुफ्त कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी कराने का लाभ पाने के लिए पात्रता की शर्तें पूरी करनी होंगी। ईएनटी विभाग में छह लाख रुपये तक की फ्री सर्जरी कराई जा सकेगी। इसके साथ बच्चे को स्पीच थेरेपी कराई जाएगी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 08:58 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 08:58 AM (IST)
बच्चा सुन-बोल नहीं सकता है तो हैलट में कराएं निश्शुल्क कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी, जानें-किसे मिलेगा लाभ
मूक बधिर बच्चे भी सुन और बोल सकेंगे।

कानपुर, जेएनएन। अगर आपका बच्चा पांच वर्ष से कम आयु का है और सुन-बोल नहीं सकता है। ऐसे में परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब इसका निदान कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी से संभव है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में निश्शुल्क कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है। बशर्ते, पात्रता की शर्तें पूरी करनी पड़ेंगी। इसका लाभ उठाने के लिए हैलट अस्पताल परिसर स्थित कान नाक गला (ईएनटी) विभाग में संपर्क कर सकते हैं।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. एसके कनौजिया का कहना है कि छह लाख रुपये की सर्जरी सरकार के स्तर से निश्शुल्क कराई जा रही है। दो से सात साल तक के मूक-बधिर बच्चों के माता-पिता संपर्क कर सकते हैं। सर्जरी के उपरांत बच्चे में 100 फीसद सुनने एवं 90 फीसद तक बोलने की क्षमता आ सकती है। इसका खर्च जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग उठाएगा। साथ ही स्पीच थेरेपी भी कराई जाएगी।

पात्रता की यह हैं शर्तें

सर्जरी के लिए जिले के निवासी आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को सुविधा का लाभ दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वालों की सालाना आय 86,460 रुपये से अधिक नहीं हो। वहीं, शहरी क्षेत्र के बाङ्क्षशदों की सालाना आय 112920 रुपये से अधिक न हो।

यहां करें संपर्क

ऐसे माता-पिता जिनके बच्चे जन्म से सुन और बोल नहीं सकते हैं। उनकी उम्र 2-7 वर्ष के बीच हो। योजना के तहत निश्शुल्क कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी योजना का लाभ उठाने के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल स्थित ईएनटी विभाग में संपर्क कर सकते हैं। नोडल अफसर डॉ. अमृता श्रीवास्तव, मोबाइल नंबर 8650439887 पर संपर्क करें।

यह कागजात जरूरी : जन्म प्रमाण पत्र। जाति प्रमाण पत्र। आय प्रमाण पत्र। सुनवाई विकलांगता प्रमाणपत्र। स्वयं व बच्चे का आधार कार्ड। उम्र 2 से 7 वर्ष के बीच हो।

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