कानपुर में इस वजह से रिजल्ट तैयार करने में शिक्षकों को हो रही देरी, जानिए वजह
बोर्ड की ओर से जो फॉर्मूला तैयार किया गया है वह भी आसान नहीं है। दिल्ली पब्लिक स्कूल कल्याणपुर में गणित के शिक्षक फरहान ने बताया कि छात्रों का पुराना रिकॉर्ड तलाशना आसान नहीं है। इसके बाद हर छात्र के अंकों के औसत अंक तैयार करने में भी समय लगेगा।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते सीबीएसई बोर्ड ने इस सत्र में 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर, स्कूलों में शिक्षकों को टास्क देकर रिजल्ट तैयार करने का फैसला किया। हालांकि प्रदेश में आंशिक कफ्र्यू के चलते शिक्षक जहां घरों में ही कैद हैं, तो वहीं इस वजह से शहर के 10 हजार छात्रों के रिजल्ट तैयार होने में देरी तय है।
सीबीएसई की ओर से स्कूलों को 11 जून तक का समय दिया गया है। इस तरह से देखें तो शिक्षकों व प्रधानाचार्यों के पास महज एक माह का ही समय बाकी है। वहीं बोर्ड की ओर से जो फॉर्मूला तैयार किया गया है, वह भी आसान नहीं है। दिल्ली पब्लिक स्कूल कल्याणपुर में गणित के शिक्षक फरहान ने बताया कि छात्रों का पुराना रिकॉर्ड तलाशना आसान नहीं है। इसके बाद हर छात्र के अंकों के औसत अंक तैयार करने में भी समय लगेगा।
कानपुर प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने की थी बैठक : कुछ दिनों पहले इस मामले में कानपुर प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बैठक की थी। संस्था के उपाध्यक्ष अजीत अग्रवाल का कहना था, या तो सीबीएसई बोर्ड अंतिम तिथि बढ़ा दे या फिर जिला प्रशासन शिक्षकों व अन्य स्टाफ को स्कूल आने की अनुमति दे।
केवी में भी अभी नहीं शुरू हुआ काम : केंद्रीय विद्यालयों में अभी तक रिजल्ट बनाने का काम शुरू नहीं हुआ है। कोरोना महामारी के डर से शिक्षक स्कूल आने को तैयार नहीं हैं। हालांकि प्रधानाचार्यों का कहना है कि रिजल्ट का काम भी जरूरी है।