गंदे स्ट्रेचरों पर लेटने को मरीज मजबूर, मंडलायुक्त के औचक निरीक्षण से खुली अव्यवस्था की सारी पोल
मंडलायुक्त सुबह 10.50 बजे ही अचानक एलएलआर अस्पताल के इमरजेंसी ब्लाक पहुंचे। उस समय तक वहां की सफाई नहीं शुरू हुई थी। स्ट्रेचर तक गंदे पड़े थे। मरीज भी जहां-तहां पड़े थे। दवाएं सीरिं गाज-पट्टी एवं इलाज में प्रयोग होने वाला सामान नीचे पड़ा हुआ था।
कानपुर, जेएनएन। मंडलायुक्त डा. राजशेखर शुक्रवार सुबह बिना बताए ही अचानक लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल (हैलट) के इमरजेंसी ब्लाक पहुंच गए। इमरजेंसी ब्लाक में गंदे स्ट्रेचरों पर जहां-तहां मरीज पड़े हुए थे। इमरजेंसी के जूनियर रेजीडेंट और पैरामेडिकल स्टाफ नेम प्लेट भी नहीं लगाए थे। सामान भी जमीन पर ही पड़ा हुआ था। इमरजेंसी ब्लाक की अव्यवस्था देखकर मंडलायुक्त ने नाराजगी जताई। इस बीच, जैसे ही जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला को जानकारी हुई, सर्जरी विभाग से भागते हुए इमरजेंसी पहुंचे। इन व्यवस्था को लेकर मंडलायुक्त ने कड़ा एतराज जताया। उन्हेंं चरणबद्ध तरीके से तत्काल सुधार के निर्देश दिए।
मंडलायुक्त सुबह 10.50 बजे ही अचानक एलएलआर अस्पताल के इमरजेंसी ब्लाक पहुंचे। उस समय तक वहां की सफाई नहीं शुरू हुई थी। स्ट्रेचर तक गंदे पड़े थे। मरीज भी जहां-तहां पड़े थे। दवाएं, सीरिं, गाज-पट्टी एवं इलाज में प्रयोग होने वाला सामान नीचे पड़ा हुआ था। मंडलायुक्त के पहुंचते ही खलबली मच गई। कर्मचारी सफाई में जुट गए। इलाज करने वाले जेआर एप्रेन पर नेम प्लेट नहीं लगाए थे। इसी तरह कंप्यूटर आपरेटर, सफाई कर्मचारी एवं वार्ड ब्वॉय आइकार्ड नहीं लगाए थे। पूछने पर बताया कि वैधता तिथि खत्म हो गई। तक तक मंडलायुक्त के आने की खबर प्राचार्य को मिल गई। वह भी इमरजेंसी ब्लाक पहुंच गए।
मंडलायुक्त ने प्राचार्य से कहा कि मेडिकल कालेज एवं अस्पताल का मेन चेहरा आपकी इमरजेंसी है। फिर भी यहां अव्यवस्था है। इसमें तत्काल सुधार कराएं। जो भी यहां इलाज के लिए आता है, यहां की अव्यवस्था को देखते ही उसके मन में अव्यवस्था एवं अराजकता की धारणा बन जाती है। इसलिए यहां साफ-सफाई, साफ-सुधरे स्ट्रेचर एवं बेहतर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। डाक्टर और कर्मचारी ड्रेस के साथ नेम प्लेट लगाएं हुए मिलें। इसमें तत्काल चरणबद्ध तरीके से सुधार कराएं। इस दौरान डा. चंद्रशेखर सिंह व डा. जेएस कुशवाहा भी मौजूद रहे।