परिवार की जिम्मेदारी का बोझ उठा रही दो युवतियों को काल के गाल में ले गई बेरोजगारी

लॉकडाउन में नौकरी छूट जाने से दोनों युवतियां परेशान थीं एक पर था पिता के इलाज तो दूसरे पर थी घर चलाने की जिम्मेदारी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 06:46 PM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2020 11:01 PM (IST)
परिवार की जिम्मेदारी का बोझ उठा रही दो युवतियों को काल के गाल में ले गई बेरोजगारी
परिवार की जिम्मेदारी का बोझ उठा रही दो युवतियों को काल के गाल में ले गई बेरोजगारी

कानपुर, जेएनएन। लॉकडाउन के समय में नौकरी छूट जाने से आहत विजय नगर गल्लामंडी निवासी कृष्णकांत सिंह की 30 वर्षीय पुत्री श्रद्धा ने शुक्रवार रात फांसी लगा ली। युवती का छोटा भाई अभिषेक जब सुबह सोकर उठा तो उसे घटना का पता लगा। बेटी की मौत के बाद भाई की आंखों से आंसू रुक ही नहीं रहे थे। पुलिस को मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।

बेटे ने बताया कैंसर से जूझ रहे हैं पिता

मृतक श्रद्धा के छोटे भाई अभिषेक ने बताया कि पिता का इलाज बनारस स्थित टाटा कैंसर हॉस्पिटल से हो रहा है। 15 सितंबर को ही मां सुधा, पिता के साथ बनारस चली गई थीं। दीदी दिल्ली की एक कंपनी में मैनेजर थीं। लॉकडाउन में उनकी नौकरी छूट गई थी। काफी प्रयास के बाद भी नौकरी न मिलने से वह तनाव में आ गईं और शुक्रवार देर रात उन्होंने फांसी लगा ली। थाना प्रभारी रणबहादुर सिंह ने बताया कि युवती के फांसी लगाने की जानकारी स्वजनों ने दी है।

काम न चलने से क्षुब्ध युवती ने फांसी लगाकर दी जान

सचेंडी के कटरा घनश्याम गांव निवासी 18 वर्षीय मोहिनी टेलरिंग कर भाई दीपक, करन, प्रांशू और बहन सोहिनी का पालन-पोषण करती थी। काम न चलने के कारण शुक्रवार देर रात उसने फांसी लगाकर जान दे दी। छोटे भाई-बहन जब सुबह कमरे में पहुंचे तो बड़ी बहन के शव को पंखे से लटकता देख उनके होश उड़ गए।

पिता की मौत के बाद से लापता है मां 

छोटे भाई दीपक ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व पिता लालाराम की मौत हो गई थी। इसके बाद मां गीता देवी घर से कहीं चली गईं। रिश्तेदारों ने बताया कि शुक्रवार रात खाना खाने के बाद वह कमरे में सोने चली गई थी और सुबह सोहिनी से घटना की जानकारी हुई। थाना प्रभारी अतुल कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि रिश्तेदारों व पड़ोसियों का कहना है कि टेलरिंग का काम ठीक न चलने के कारण कुछ दिन से मोहिनी डिप्रेशन में थी।

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