Drug Mafia: कानपुर को उड़ता पंजाब बनाने में सक्रिय गैंग, इस तरह से युवाओं को बना रहे नशे का लती

शहर के कई इलाके जैसे चमनगंज बेकनगंज अनवरगंज लाटूश रोड जूही किदवई नगर सीटीआइ और नौबस्ता को इनकी बड़ी मंडियों के रूप में जाना जाता हैं। इन मंडियों के अलावा ड्रग माफिया ने काकादेव की कोचिंग मंडी को माल खपत का बड़ा केंद्र बना रखा है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 10:57 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 10:57 AM (IST)
Drug Mafia: कानपुर को उड़ता पंजाब बनाने में सक्रिय गैंग, इस तरह से युवाओं को बना रहे नशे का लती
कानपुर में स्कूलों और कोचिंग मंडी कस पास बिक रहा नशा। प्रतीकात्मक फोटो

कानपुर, जागरण संवाददाता। शहर को उड़ता पंजाब बनाने में ड्रग माफिया ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। शहर के तमाम स्कूल और कोचिंग मंडी उसके निशाने पर हैं। यहां माफिया के गुर्गे एकाग्र मन की दवा के नाम पर 18 से 25 वर्षीय युवाओं को चरस, गांजा और स्मैक का लती बना रहे हैं। शुरुआत में तो छात्र एकाग्रता के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं बाद में इसके लती हो जाते हैं। महिलाओं और बच्चों के जरिए ड्रग माफिया माल की सप्लाई करते हैं।

शहर में बड़े पैमाने पर मादक पदार्थों की बिक्री का काम किया जा रहा है। शहर के कई इलाके जैसे चमनगंज, बेकनगंज, अनवरगंज, लाटूश रोड, जूही, किदवई नगर, सीटीआइ और नौबस्ता को इनकी बड़ी मंडियों के रूप में जाना जाता हैं। इन मंडियों के अलावा ड्रग माफिया ने काकादेव की कोचिंग मंडी को माल खपत का बड़ा केंद्र बना रखा है। छात्र भी एक दूसरे के संपर्क में आकर नए ग्राहकों को तैयार करते हैं जिससे माफिया का कारोबार बढ़ता है। इतना ही नहीं माफिया ने शहर के आसपास क्षेत्र के इंजीनियरिंग कालेजों समेत अन्य शिक्षण संस्थानों के इर्द गिर्द फैला रखा है। जहां धड़ल्ले से कहीं एकाग्र मन तो कहीं तनाव दूर करने की दवा के नाम पर खपत होती है।

केडीए की भूमि पर अवैध बस्ती मादक पदार्थों का बड़ा गढ़: किदवई नगर थाना क्षेत्र के साकेत नगर में केडीए की बड़ी भूमि हैं। यहां बड़ी तादात में अवैध कब्जे हैं। अधिकतर घरों में दिखाने के लिए पलंग, कुर्सी बिनाई, रस्सी बटने, पावदान, चटाई आदि की बिक्री का काम होता है, लेकिन घरों की महिलाएं और बच्चे सड़क घेरकर गांजा, चरस और स्मैक की बिक्री करते हैं। अवैध बस्ती में मादक पदार्थों की बिक्री करके लोगों ने अब पक्के मकान खड़े कर लिए हैं। यहां रहने वालों के लिए यह अवैध नशे की बस्ती बड़ी समस्या बनी हुई है, जबकि केडीए के अफसर इस ओर आंखे मूंदे हैं।

24 घंटे गुलजार रहता है नशे का बाजार: कोविड संक्रमण को लेकर देश और शहर में लाकडाउन हुआ। बाजारें बंद रही, लेकिन इस बाजार में कोई फर्क नहीं आया। धड़ल्ले से मादक पदार्थों की बिक्री हुई और लगातार जारी है। खास बात यह है कि यहां साप्ताहिक बंदी या दिन रात को कोई चक्कर नहीं होता। यह बाजार 24 घंटे गुलजार रहता है और 24 घंटे डिलीवरी रहती है।

सुशील बच्चा कराता था आन लाइन डिलीवरी: ड्रग्स माफिया और हिस्ट्रीशीटर सुशील शर्मा उर्फ बच्चा गुर्गों के जरिए चरस, गांजे और स्मैक की बिक्री आनलाइन आर्डर लेकर कराता था। इसके लिए गुर्गों ने कोचिंग मंडी और ढाबों के आसपास की दुकानों तक में वाट्सएप नंबर दिए थे। एकाग्र मन की दवा के नाम पर चरस-गांजा की सप्लाई कर दी जाती थी। सौ रुपये तक में चरस और गांजा आसानी से बिकता था।

नेपाल पश्चिम बंगाल समेत कई स्थानों से आता है माल: ड्रग माफिया नेपाल से चरस और पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार से गांजे व स्मैक की खेप मंगवाते हैं। कई छोटे कारोबारी बाराबंकी, उन्नाव से माल मंगाकर शहर के साथ आसपास के जिलों कानपुर देहात, हमीरपुर, फतेहपुर आदि स्थानों में सप्लाई करते हैं।

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