डबल टी गार्डर के बाद अब कानपुर मेट्रो में ऐसा प्रयोग होने जा रहा जो देश मेें आज तक कहीं भी नहीं हुआ

तभी यहां ट्विन पियर कैप का निर्माण किया गया है। ट्विन पियर कैप सड़क के एक ही तरफ अगल-बगल बने दो पिलर पर तैयार किए गए हैं। डिपो लाइन पर सात ट्विन पियर कैप तैयार होने हैं जिनमें से 3 का निर्माण हो चुका है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 11:27 AM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 01:29 PM (IST)
डबल टी गार्डर के बाद अब कानपुर मेट्रो में ऐसा प्रयोग होने जा रहा जो देश मेें आज तक कहीं भी नहीं हुआ
गार्डर के बाद ट्विन पियर कैप दूसरा सफल आविष्कार

कानपुर, जेएनएन। डबल टी गार्डर के बाद अब कानपुर मेट्रो में एक और नया प्रयोग किया गया है। देश में पहली बार कानपुर में ट्विन पियर कैप का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका ऑटोमैटिक वाशिंग प्लांट में इस्तेमाल होगा।

यूपीएमआरसी के इंजीनियरों ने डिपो लाइन पर ट्विन  पियर कैप लगाया है। गीता नगर स्टेशन से डिपो को जोड़ते हुए डिपो लाइन बनाई जा रही है। इस लाइन पर मेट्रो ट्रेनों की सफाई के लिए ऑटोमैटिक वाशिंग  प्लांट लगना है। इस प्लांट की चौड़ाई वायडक्ट की चौड़ाई से अधिक है। इसलिए प्लांट को बड़ा आधार दिया जाना है। डिपो लाइन पर जहां प्लांट लगना है, वहां मेट्रो कॉरिडोर के ढांचे की चौड़ाई 15 मीटर होगी, जबकि वायडक्ट की चौड़ाई लगभग नौ मीटर है। इसीलिए प्लांट के लिए निर्धारित स्थान पर कॉरीडोर में इस्तेमाल हो रहे सामान्य पियर कैप से काम नहीं चलता। तभी यहां ट्विन पियर कैप का निर्माण किया गया है।

ट्विन पियर कैप सड़क के एक ही तरफ अगल-बगल बने दो पिलर पर तैयार किए गए हैं। डिपो लाइन पर सात ट्विन पियर कैप तैयार होने हैं, जिनमें से 3 का निर्माण हो चुका है। इन सात ट्विन  पियर कैप में तीन ऑटोमैटिक बाशिंग प्लांट को आधार देने में इस्तेमाल होंगे। बाकी चार ट्विन पियर कैप क्रमबद्ध ढंग से डिपो लाइन की चौड़ाई को सामान्य करने के लिए इस्तेमाल होंगे। वाशिंग प्लांट की लंबाई 54 मीटर होगी। प्रबंध निदेशक श्री कुमार केशव ने कहा कि डबल टी गार्डर के बाद ट्विन पियर कैप दूसरा सफल आविष्कार है।

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