बंधक पत्नी के सामने फेंकी थी कुत्तों की जूठन, भूखी रही महिला

पत्नी को कुएं में फेंकने वाला मानसिक विकृत युवक व्यक्ति जैसी हरकत करता रहा। उसने खाने के लिये पत्नी के सामने कुत्तों की जूठन फेंकी।घर के दरवाजे के बाहर लगाई गई लोहे की जंजीर में करंट प्रवाहित था। पत्नी ने कुछ नहीं खाया वह भूखी ही रही।

By Sarash BajpaiEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 08:03 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 08:03 PM (IST)
बंधक पत्नी के सामने फेंकी थी कुत्तों की जूठन, भूखी रही महिला
पत्नी को प्रताडि़त कर कुएं में फेंका, खाने में दी कुत्तों की जूठन।

कानपुर, जेएनएन। इटावा में निर्दयी पति की कैद में रहकर तीन दिनों तक यातनाएं भोगने वाली अर्चना देवी घुट-घुटकर गुजरे एक-एक पल को याद करती है तो सुबक पड़ती है। एक बंद कमरे में ही उसकी दुनिया सिमटकर रह गई थी। दरवाजा खटखटाने के लिए दौड़ती तो कदम ठिठक जाते। दरवाजे के बाहर लगाई गई लोहे की जंजीर में करंट प्रवाहित था। घर में दो कुत्ते पले हैं। कुत्तों की जूठन खाने के लिए खिड़की से फेंकी गई। वह भूखी रही, इसलिए नित्यक्रिया की नौबत नहीं आयी।

पागल करार देने की थी मंशा

अर्चना बताती है कि पति यातनाएं देने के जैसे तरीके अपना रहा था, उससे उसको पागल घोषित कर देने की मंशा थी। धमकाता था कि कुत्तों की जूठन खा ले, नहीं तो भूख से मार मर जाएगी। जीने नहीं देगा तो मरने भी नहीं देगा। ऐसे ही एक कमरे में जीने-मरने के लिए पल-पल तड़पती रहेगी। करंट से मारने की योजना थी। यातनाओं के तीन दिनों में एक बार तो दरवाजे से कमरे में पानी फेंककर उसमें करंट प्रवाहित कर तड़पाया था। बच्चों को धमकाता था कि खाने को कुछ मत देना, न बोलना।

घुट-घुटकर जीते रहे कलेजे के टुकड़े

अर्चना की बड़ी बेटी श्वेता 19 साल की है लेकिन मां पर जुल्म ज्यादती देख घुट-घुटकर जीते-जीते वह इस कदर घुटती रही कि शारीरिक विकास अवरुद्ध हो गया। दुबली-पतली श्वेता 14-15 साल की ही नजर आती है। उसके अन्य भाई बहनों में क्रमश : सूर्य प्रकाश, पार्षक कुमारी, रिया कुमारी, हर्ष कुमार, आयुष हैं। इनमें से रिया ने ही हिम्मत और चालाकी से मां को निर्दयी पिता की कैद से मुक्त कराने में भूमिका निभाई।

मां-भाई ने आकर ली सुध

विधवा मां मुन्नी देवी और भाई नीलू ने आकर अर्चना देवी का हाल-चाल लिया। मुन्नी देवी की तीन बेटियां और चार बेटे हैं। एक बेटा पुष्पेंद्र सिंह पुलिस महकमे में है। उनकी तैनाती इलाहाबाद में क्राइम ब्रांच में है। वह बताती हैं कि दामाद संजीव कुमार की हरकतों को बेटी ने बहुत बर्दाश्त किया है। बेटी ने जुल्म सहकर भी दामाद को इस उम्मीद से दो बार पुलिस की गिरफ्त से छुड़ाया, शायद उसमें सुधार आएगा, लेकिन बेटी को तीन दिन कैद में रखकर जैसी यातनाएं दी गई, उससे साफ था कि दामाद उसको टुकड़ों में मौत दे रहा था।

पत्नी लगा रही झूठे आरोप

घरेलू हिंसा में आरोपित पति भूमि संरक्षण विभाग में वरिष्ठ सहायक संजीव कुमार के विरुद्ध अर्चना देवी की तहरीर पर जानलेवा हमला, मारपीट, जान से माने की धमकी और बंधक बनाकर प्रताड़ित करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। संजीव कुमार ने पत्नी द्वारा लगाए गए आरोपों को झूठा बताया है।  

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