डीएम पहुंचे एलएलआर, व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा

इमरजेंसी न्यूरो पीआइसीयू व नए ट्रामा सेंटर की बिल्डिंग में पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 02:39 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 02:39 AM (IST)
डीएम पहुंचे एलएलआर, व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा
डीएम पहुंचे एलएलआर, व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा

जागरण संवाददाता कानपुर : डीएम विशाख जी अय्यर ने शनिवार को एलएलआर अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वहां व्याप्त अव्यवस्थाओं को तत्काल दुरुस्त करने का आदेश दिया। एक दिन पहले उन्होंने उर्सला अस्पताल का दौरा किया था। निरीक्षण के बाद हुई बैठक में डीएम ने डेंगू और वायरल फीवर के संबंध में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने को निर्देशित किया।

शनिवार को डीएम ने अस्पताल में व्यवस्था की जानकारी ली। इमरजेंसी, कोविड, न्यूरो, पीआइसीयू और नए ट्रामा सेंटर की बिल्डिंग को देखा। उनके साथ सीडीओ महेंद्र कुमार भी थे। मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो.संजय काला से इमरजेंसी में मरीजों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में पूछा और वार्ड में जाकर मरीजों से बात की। ई एंबुलेंस में आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने व कोविड वार्ड में प्रतिदिन सैंपलों की जांच पर बल दिया।

पीआइसीयू वार्ड में अधिकारी द्वय ने बालरोग विभागाध्यक्ष डा. यशवंत राव को वायरल बुखार से पीड़ित भर्ती बच्चों की उचित देखभाल करने का निर्देश दिया। सिक न्यू बार्न बेबी और न्यूरोसाइंस यूनिट,न्यू ट्रामा सेंटर की बिल्डिंग का भी जायजा लिया। डीएम ने कार्यदायी संस्था से समय पर काम खत्म करने का आदेश दिया। एलएलआर अस्पताल में डीएम के आने से पहले इमरजेंसी के बाहर सफाई व वार्ड को संवारने का काम पहले ही पूरा कर लिया गया था।

जीएसवीएम मेडिकल के बाल रोग का एसएनसीयू सबसे उत्कृष्ट: उत्तर प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेजों, चिकित्सकीय संस्थानों और सरकारी अस्पतालों में जीएसवीएम मेडिकल कालेज के बाद रोग का सिक एंड न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) बेहतर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम ने एसएनसीयू में बच्चों के इलाज और मैनजमेंट की निगरानी भी की थी। इस दौरान बीमार और गंभीर बच्चों के मैनेजमेंट का माक ड्रिल कराकर भी देखा गया। इस दौरान वहां के डाक्टरों और जूनियर रेजीडेन्ट ने तय समय में बच्चे को मैनेज करके भर्ती कर दिखाया। इस पर डब्ल्यूएसओ की टीम ने तारीफ भी की। मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने बाल रोग के एनआइसीयू को उत्कृष्ट करार दिया है। इसका जल्द ही प्रमाण पत्र भी मिलेगा।

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