शिक्षा विभाग में सामने आया गड़बड़झाला, कानपुर में बीएसए को निलंबित करने की संस्तुति

डीएम के सख्त रुख के बाद बीएसए ने आपूर्ति करने वाली फर्म काली सूची में डाली और 10 बीईओ ने अलग-अलग तहरीर दी। निर्धारित के बजाय दूसरी कंपनी क जेनरेटर देने वाली कंपनी पर कार्रवाई न करने का मामला।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 02 Jan 2021 06:54 AM (IST) Updated:Sat, 02 Jan 2021 06:54 AM (IST)
शिक्षा विभाग में सामने आया गड़बड़झाला, कानपुर में बीएसए को निलंबित करने की संस्तुति
कानपुर में शिक्षा विभाग में सामने आया गड़बड़झाला।

कानपुर, जेएनएन। निर्धारित की जगह कंपनी के जेनरेटर आपूर्ति करने वाली फर्म पर कार्रवाई न करना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को भारी पड़ सकता है। बीएसए के इस मामले में कार्रवाई न करने पर जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने उनके निलंबन की संस्तुति की है। हालांकि बाद में बीएसए ने ऑर्डर के बाद भी आयशर की जगह भारत कंपनी का जेनरेटर भेजने वाली फर्म को काली सूची में डाल दिया और भुगतान रोकने के साथ ही 10 बीईओ से अलग-अलग थानों में तहरीर दिलवाई लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया है। पुलिस का तर्क है कि विभाग ने भुगतान नहीं किया है इसलिए जांच के बाद ही मुकदमा होगा।

फरवरी में ककवन, शिवराजपुर, बिल्हौर, चौबेपुर, कल्याणपुर, सरसौल, भीतरगांव, पतारा, घाटमपुर, बिधनू ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारियों के कार्यालयों के लिए 10 जेनरेटर खरीदे जाने थे। जैम पोर्टल से खरीद की प्रक्रिया की गई। कानपुर की एआर मार्केटिंग फर्म को आयशर कंपनी के जेनरेटर का ऑर्डर दिया गया लेकिन फर्म ने दूसरी कंपनी के जेनरेटर कार्यालयों में भेज दिए।

मई में जब बीएसए डॉ. पवन तिवारी ने सत्यापन किया और भुगतान रोक दिया। हालांकि इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी को इस संबंध में अवगत नहीं कराया और न ही फर्म के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। फर्म को उस समय काली सूची भी नहीं डाला गया। पिछले दिनों बीएसए जब पत्रावली लेकर जिलाधिकारी के पास गए तो उन्होंने मुकदमा दर्ज न कराने पर नाराजगी जताई। साथ ही बीएसए को निलंबित करने की संस्तुति कर दी। हालांकि जिलाधिकारी की फटकार के बाद डॉ. पवन तिवारी ने खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से थानेवार तहरीर दिलवाई और फर्म को काली सूची में भी डाल दिया। मामला पकड़ते ही बीएसए को फर्म को काली सूची में डाल देना चाहिए था। मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही जो जेनरेटर आए थे, उन्हें वापस करना चाहिए था, पर ऐसा नहीं किया गया। इसलिए बीएसए को निलंबित करने की संस्तुति की है। -आलोक कुमार तिवारी, जिलाधिकारी मुकदमा दर्ज करने के लिए थानेवार तहरीर दी गई। हालांकि पुलिस ने अभी मुकदमा दर्ज नहीं किया है। फर्म को भुगतान नहीं किया गया है। काली सूची में उसे डाल दिया गया है। जेनरेटर बदलने के लिए कई बार पत्र भी लिखा गया था। - डॉ. पवन तिवारी, बीएसए

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