घाटो पर गोताखोरो व नावों की व्यवस्था की जाए

गंगा में शवों को प्रवाहित होने से रोकने के लिए गठित कमेटी की पहली बैठक हुई सम्पन्न।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 02:01 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 02:01 AM (IST)
घाटो पर गोताखोरो व नावों की व्यवस्था की जाए
घाटो पर गोताखोरो व नावों की व्यवस्था की जाए

जागरण संवाददाता, कानपुर : गंगा में शवों को प्रवाहित होने से रोकने के लिए गठित कमेटी की पहली बैठक महापौर ने नगर निगम मुख्यालय में ली। बैठक में सभी सदस्यों ने सुझाव रखे कि नगर निगम द्वारा प्रत्येक घाट में गोताखोर तथा नाव की व्यवस्था कराई जाए, ताकि गंगा में शव एवं उसे प्रवाहित करने वाले दिखते हैं तो गोताखोरों को भेजा जा सके। अभी किसी भी घाट में नाव और गोताखोर की व्यवस्था नहीं है।

महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के नगर निगम के मूल बजट में वैश्विक महामारी को देखते हुए धन के संरक्षण का प्रविधान किए जाएं, ताकि जरूरत पड़ने पर विकास कार्य कराए जा सकें। महापौर ने कोरोना संकट में अफसरों और कर्मचारियों द्वारा की जा रही मेहनत की प्रशंसा करते हुए कहा कि सभी पार्षद भी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने हर संभव सहयोग किया। नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने कहा कि न्यायालय और शासन के स्पष्ट आदेश हैं कि गंगा को प्रदूषण मुक्त रखा जाए। समिति गठित करने का उद्देश्य है कि शवों को गंगा नदी में बहाने से रोका जाए।

---------------- गठित समिति में शामिल लोग

महापौर प्रमिला पांडेय अध्यक्ष, नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी संयोजक व सचिव, उप सभापति कैलाश पांडेय, पार्षद यशपाल सिंह, आमोद त्रिपाठी, विकास जायसवाल, अजीत, शरद प्रकाश मिश्रा, मनोज कुमार पांडेय, मदन बाबू, कीर्ति अग्निहोत्री, सौरभ देव, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय संखवार, मुख्य अभियंता (सिविल) एसके सिंह, मुख्य अभियंता (यांत्रिक) आरके पाल सदस्य है।

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इन सुझावों को बैठक में रखा गया

- गंगा घाट (गंगा बैराज से सिद्धनाथ घाट) और कब्रिस्तानों में निगरानी समिति के पदाधिकारी व सदस्य का नाम, मोबाइल नंबर लिखे बोर्ड लगवाए जाएं।

- शवों को गंगा नदी में न बहाने के संदेश वाले बोर्ड लगाए जाएं।

-प्रत्येक घाट में गोताखोर और नाव की व्यवस्था कराई जाए।

- घाटों के प्रकाश बिन्दु एवं टूटी सीढि़यों की मरम्मत कराई जाए।

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