कानपुर मेयर और नगर निगम के अफसरों में ठनी, मंडलायुक्त को भेजी गैरहाजिर अधिकारियों की सूची

कानपुर की महापौर ने अनुपस्थित अफसरों की सूची मंडलायुक्त को भेजी है इसके बाद से अफसरों के साथ कर्मचारी भी आ गए हैं। वहीं मेयर ने लखनऊ में मुख्यमंत्री और विभाग के अधिकारियों से मिलकर पूरी जानकारी देने की बात कही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 08:43 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 08:43 AM (IST)
कानपुर मेयर और नगर निगम के अफसरों में ठनी, मंडलायुक्त को भेजी गैरहाजिर अधिकारियों की सूची
महापौर ने नगर निगम दफ्तर का निरीक्षण किया था।

कानपुर, जेएनएन। सम्मान के सवाल को लेकर अब महापौर और नगर निगम अफसरों में ठन गई है। शुक्रवार सुबह अफसर कार्यालय नहीं पहुंचे। इसे लेकर महापौर प्रमिला पांडेय ने नगर निगम में एक-एक अफसर के कक्ष का निरीक्षण करके फोटो खिंचाई। अनुपस्थित अफसरों की सूची मय फोटो सहित मंडलायुक्त डा. राजशेखर को भेजी है। वह लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्थानीय नगरीय निकाय निदेशालय के अधिकारियों से मिलेंगी। वहीं कर्मचारी अधिकारियों के साथ खड़े हैं।

महापौर प्रमिला पांडेय ने शुक्रवार पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे से 12 बजे के बीच में नगर निगम मुख्यालय स्थित एक-एक अफसरों के दफ्तर का निरीक्षण किया। केवल अपर नगर आयुक्त प्रथम भानु प्रताप सिंह और मुख्य अभियंता एसके सिंह ही कार्यालय में मिले। वहीं नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी कार्यालय में नहीं मिले। बताया गया कि वह लखनऊ बैठक में गए हैं। अपर नगर आयुक्त तृतीय, उद्यान अधिकारी, प्रभारी प्रोजेक्ट सेल, कैटल कैचिंग प्रभारी, अधिशासी अभियंता जोन चार और उपनगर आयुक्त कार्मिक कार्यालय में नहीं मिले। इस बाबत महापौर ने मंडलायुक्त को पत्र भेजकर कहा है कि इससे साफ है कि जन समस्याओं के प्रति अधिकारी कितने संवेदनशील हैं। वह इसका संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करें।

महापौर ने बताया कि वह शनिवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री के अलावा अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार व रजनीश दुबे और स्थानीय नगरीय निकाय निदेशक शंकुतला गौतम से मिलकर शहर के हालात के बारे में बताएंगी। उन्होंने कहा कि अफसर विकास कार्य न कराके सरकार को बदनाम कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव करीब हैं, जल्द विकास कराऊंगी।

जिलाधिकारी को बधाई दूंगी कि उन्होंने कहा कि आइआइटी से कामों की जांच करा ली जाए। आइआइटी को प्रस्ताव दिया गया तो अफसर उनको ले जाते। नहीं ले गए तो प्रस्ताव में उनके हस्ताक्षर होने चाहिए थे। चाचा नेहरू अस्पताल के चलाने के लिए मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि नगर निगम चलाए और राज्य सरकार धन देगा, लेकिन अफसर पीपीपी माडल से निर्माण कराने में लगे हुए हैं। महापौर ने बताया कि स्थगित सदन मंगलवार को फिर बुला रही हूं।

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