Chaitra Navratri 2021: घर-घर विराजीं माता की चौकी, कलश स्थापना संग पूजन की शुरुआत

कानपुर के मंदिरों में कोविड नियमों के पालन के साथ एक बार में सिर्फ पांच श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति है। नवरात्र के पहले दिन घरों में भक्तों ने कलश की स्थापना करके मां का पूजन किया और व्रत की शुरुआत कर दी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 12:33 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 12:33 PM (IST)
Chaitra Navratri 2021: घर-घर विराजीं माता की चौकी, कलश स्थापना संग पूजन की शुरुआत
कानपुर में कोविड संक्रमण काल में मंदिरों में नियम लागू हैं।

कानपुर, जेएनएन। जगत जननी मां जगदंबा की आराधना के दिन नवरात्र की शुरुआत घरों में हो गई। कोविड संक्रमण के चलते मंदिरों से दूरी बना भक्तों ने घर पर माता रानी के दरबार सजाकर कलश स्थापना की। सुबह से ही घरों में शंख और घड़ियाल के साथ जयकारों के बीच भक्तों ने मां का पूजन अर्चन करके सुख-समृद्धि की कामना की और व्रत की शुरुआत की। भक्त मां जगदंबा के नौ स्वरूपों की आराधना करेंगे।

कोरोना संक्रमण के बढ़ते असर को देखते हुए संतों ने लोगों को घरों में ही मां का पूजन अर्चन करने की सलाह दी है। हालांकि शहर के प्रमुख देवी मंदिरों में पिछले वर्ष की तरह कोविड नियमों का पालन करते हुए पूजन अर्चन और दर्शन करने भक्त पहुंच रहे हैं लेकिन संख्या कम है। बारा देवी मंदिर परिसर के पट बंद करा दिए गए हैं और प्रवेश द्वार पर पुलिस ने बैरियर लगा दिए हैं। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक संक्रमण के कारण घरों में विधि-विधान से पूजन करना चाहिए। धूनी ध्यान केंद्र के आचार्य अमरेश मिश्र ने बताया कि सपरिवार अक्षत, पुष्प, लेकर ब्रह्मा जी का संकल्प करना और देवी मंत्रोच्चारण के बीच घट स्थापना कर सकते हैं।

धार्मिक स्थलों पर कोविड संक्रमण को लेकर सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के मुताबिक सोमवार देर रात तक तैयारियों का दौर चलता रहा। देवी मंदिर बारा देवी, तपेश्वरी देवी, जंगली देवी, बुद्धा देवी, काली मठिया सहित अन्य मंदिरों में बैरिकैडिंग लगाई गई है। तपेश्वरी देवी मंदिर के पुजारी शिवमंगल ने बताया कि महिलाओं और पुरुष भक्तों को अलग-अलग लाइनों से प्रवेश दिया जा रहा है और मास्क की अनिवार्यता के साथ सीमित संख्या रखी गई है। जंगली देवी मंदिर के विजय पुजारी ने बताया कि मंदिर में एक बार में सिर्फ पांच श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है। भक्त फल, फूल, प्रसाद, माला नहीं चढ़ा सकते हैं। अलग-अलग द्वार पर प्रवेश व निकासी होने के साथ पुलिस बल द्वारा शारीरिक दूरी का पालन करा रही है। मंदिरों में रात्रि कर्फ्यू को लेकर प्रात:काल आरती और भोर आरती के समय में भी परिवर्तन किया गया है।

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