मां कूष्मांडा की आराधना करने पहुंचे श्रद्धालु
भक्तों ने भोर पहर ही मंदिरों में पहुंचकर किए माता के दर्शन
जागरण संवाददाता, कानपुर : नवरात्र के चौथे दिन मंगलवार को भक्तों ने विधि विधान से मां कूष्मांडा का पूजन किया। भोर पहर में बारादेवी, तपेश्वरी, जंगलीदेवी व काली मठिया मंदिर में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर पूजन अर्चन किया। मां के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया।
जूही स्थित बारादेवी मंदिर में भोर आरती के लिए मां के पट खोल दिए गए। पुरुषों व महिलाओं ने अलग-अलग लाइन बना जगत जननी के दर्शन किए। मंदिर प्रबंधन ने नारियल फोड़ने व प्रसाद चढ़ाने की अलग व्यवस्था की थी। सेवकों ने मुख्य द्वार से ही मास्क व सैनिटाइजेशन के बाद परिसर में प्रवेश दिया। वहीं, जंगली देवी मंदिर में मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन कर समृद्धि की कामना की। काली मठिया मंदिर में मां काली के दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालुओं को सेवकों ने सीमित संख्या में प्रवेश देकर कोविड नियमावली का पालन कराया। दूरी बनाकर दर्शन कराए गए। मंदिरों में मूर्ति स्पर्श पर रोक रही। भक्तों ने प्रसाद व पुष्प चढ़ाकर महामारी के विनाश की कामना की। चकेरी स्थित कालीबाड़ी मंदिर में भी प्रबंधन की ओर से भोर आरती की गई। हालांकि संक्रमण के खतरे को देखते हुए भक्तों को इसमें शामिल नहीं किया गया। सेवकों ने पैकेट में भोग प्रसाद का वितरण घर-घर जाकर किया।
घरों में भी हुआ मां का पूजन
नवरात्र में घर-घर विराजीं माता का भक्तों ने श्रृंगार और पूजन किया। सुबह स्नान के बाद देवी मां की आराधना व आरती की गई। लोगों ने कमल पुष्प चढ़ाकर मां कूष्मांडा से सुख-समृद्धि की कामना की। मां को भोग व प्रसाद अर्पित किया। मां के दिव्य स्वरूप व सृजनात्मक शक्ति का स्मरण किया गया।