Kanpur Nagar Nigam: विकास समिति की बैठक न होने से फंसे 222 करोड़ रुपये, पर्यावरण सुधार का काम अटका
कानपुर नगर निगम में महापौर की अध्यक्षता वाली कमेटी को प्रस्ताव मंजूर करना है लेकिन अफसरों की ढिलाई से बैठक रूकी है। इसमें शहर के लिए सबसे जरूरी पर्यावरण सुधार और सालिड वेस्ट मैनेजमेंट का कार्य होना है।
कानपुर, जेएनएन। विकास कार्यों की समिति की बैठक न होने से विकास कार्यों के 222 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। इसमें शहर के पर्यावरण सुधार और सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए रखा हुआ धन शामिल है। समिति की हरी झंडी मिलते ही शहर में विकास कार्यों की गंगा बहने लगेगी। कई कामों के प्रस्ताव तैयार हैं। केवल स्वीकृति मिलने की देरी है।
नगर निगम में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट का 148 करोड़ और पर्यावरण सुधार का 74 करोड़ रुपये खजाने में जमा है। कई बार प्रस्ताव तैयार हुआ, लेकिन पर्यावरण की गाइडलाइन आने और अफसरों की ढिलाई के चलते मामला फंसा रहा। प्रस्तावों को हरी झंडी महापौर की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय कमेटी देगी। इस समिति में महापौर अध्यक्ष हैं।
नवंबर माह से धन 14 वें 15 वें राज्य वित्त आयोग से आया है। नगर निगम को 11 लाख रुपये ब्याज मिल चुका है। मुख्य अभियंता एसके सिंह ने महापौर प्रमिला पांडेय से पत्र लिखकर विकास कार्यों की समिति बैठक बुलाने की अपील की है, ताकि प्रस्ताव को स्वीकृति किया जा सके। महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि जल्द बैठक बुलाई जाएगी। अफसर अभी तक प्रस्ताव नहीं तैयार कर पाए थे।
ये हैं प्रमुख प्रस्ताव : सिद्धनाथ घाट में विद्युत शवदाह गृह बनना, भगवतदास घाट विद्युत शवदाह गृह में एक और मशीन लगना, नौ चौराहों पर फव्वारा, नालों के किनारे कच्चे स्थान को पक्का करना, चौराहों को प्रदूषण मुक्त बनाना समेत कई प्रस्ताव तैयार किए गए है लेकिन अभी तक अमली जामा नहीं पहनाया गया है।