सरसैया घाट में बेसहारा जानवरों का डेरा, भक्तों पर करते हमला

सरसैया घाट में बेसहारा जानवरों का जमावड़ा होने से हो रही है परेशानी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 02:02 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 02:02 AM (IST)
सरसैया घाट में बेसहारा जानवरों  का डेरा, भक्तों पर करते हमला
सरसैया घाट में बेसहारा जानवरों का डेरा, भक्तों पर करते हमला

जागरण संवाददाता, कानपुर : सरसैया घाट में बेसहारा जानवरों का जमावड़ा होने से गंगा के दर्शन करने आने वाले किसी तरह इनसे बचकर पहुंचते हैं। यहां पर सांड़ और कुत्ते अक्सर भक्तों पर हमला कर देते हैं। कुत्ते तो कई लोगों को काट चुके हैं। शिकायत के बाद भी नगर निगम के कैटल कैचिग दस्ते ने सुध नहीं ली है।

सरसैया घाट के बाहर गाय, सांड़ और कुत्तों का डेरा रहता है। बारिश में वह और हिसंक हो गए हैं। आपकी जरा सी चूक पर ये हमला भी कर सकते हैं। आलम ये है कि इनके डर के कारण गंगा के दर्शन करने आने वाले भक्तों को दुकानदार साथ लेकर जाते हैं। क्षेत्र के सुनील तिवारी, जयप्रकाश ने बताया कि बरसात में कुत्ते सबसे ज्यादा खतरनाक हो गए हैं। कई लोगों को काट चुके हैं। यही हाल सांड़ का है, वे कब किस पर हमला कर दें पता नहीं। कई बार शिकायतों के बाद भी ध्यान नहीं दिया गया। कभी कभार कैटल कैचिग दस्ता आ जाता है, जो खानापूरी करके लौट जाता है। आसपास के लोगों ने पशु पाल रखे हैं, वह भी दिन में छोड़ देते हैं जो घाट के किनारे डेरा डाले रहते हैं। कई लोगों ने घाट के खंभों से ही जानवरों को बांध रखा है। पशु चिकित्साधिकारी डा. आरके निरंजन ने बताया कि सरसैया घाट में अभियान चलाकर जानवरों को पकड़ने के साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा। कुत्तों को पकड़ने वाली कंपनी को जानकारी दे दी जाएगी। लेखपालों ने की उप जिलाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग, कानपुर: लेखपालों की बहाली न किए जाने से खफा जिला लेखपाल संघ ने आनलाइन सेवाओं जैसे आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र, कन्या सुमंगला योजना के समेत सभी सेवाओं के सत्यापन कार्य का बहिष्कार किया। उधर सदर तहसील में लेखपालों ने धरना दिया। लेखपालों ने कहा कि उन्होंने जिन्हें अपात्र किया था, उन्हें भी पात्र कर दिया गया। पात्र करके ही उप जिलाधिकारियों की लाग इन से समाज कल्याण विभाग व अन्य विभागों को शादी अनुदान का फार्म भेजा गया। पारिवारिक लाभ योजना में भी यही खेल हुआ है। ऐसे में उप जिलाधिकारी भी दोषी हैं, उनके विरुद्ध भी कार्रवाई होनी चाहिए। धरने में तहसील संघ के अध्यक्ष आलोक दुबे, अजय कुशवाहा, नंदलाल, सर्वेश यादव आदि रहे।

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