Defence Corridor Kanpur: ख़जाने में जमा किया जाएगा गायब मुआवजा, विभाग को नहीं मिल रहे किसान
डिफेंस कारिडोर की राह में तीन दर्जन किसान बाधा बन गए हैं उनका पता न मिल पाने के कारण मुआवजा नहीं बंट पा रहा है। अब विभाग ने मुआवजे राशि सरकार के खजाने में जमा करने का फैसला लिया है।
कानपुर, जेएनएन। साढ़ गांव में प्रस्तावित डिफेंस कारिडोर की स्थापना में तीन दर्जन किसान बाधा बने हुए हैं। इन किसानों को मुआवजा बांटा जाना है, लेकिन ये किसान तमाम कोशिशों के बाद भी कहीं नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में अब भू अध्याप्ति विभाग मुआवजे की राशि उनके नाम से खजाने में जमा कर देगा और फिर जब कभी ये किसान मिलेंगे तो उन्हें राशि दे दी जाएगी। इसके साथ ही डिफेंस कारिडोर की स्थापना के लिए उनकी भूमि पर विकास कार्य कर दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण प्रबंधन कानपुर, लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, झांसी और चित्रकूट में डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना कर रहा है। भूमि अधिग्रहण का काम लखनऊ छोड़ हर जगह हो रहा है। अलीगढ़ में दो 15 से अधिक उद्यमियों को भूमि भी आवंटित की जा चुकी है। चित्रकूट, आगरा, झांसी और कानपुर में अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। कानपुर के साढ़ गांव में 213 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो रहा है। करीब 40 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण बाकी रह गया है। यह भूमि भी अब तक प्राधिकरण के नाम हो गई होती, लेकिन जिन किसानों के नाम भूमि है, उनका कहीं पता नहीं चल पा रहा है।
राजस्व अभिलेखों में जो पता दर्ज है उस पते पर वे रहते ही नहीं हैं। भू अध्याप्ति विभाग की टीम ने पत्राचार किया तो पत्र वापस आ गए। ऐसी स्थिति में अब एक ही विकल्प है कि किसानों के नाम मुआवजे का निर्धारण करने के बाद पूरी राशि खजाने में जमा कर दी जाए। अब प्रशासन ने प्राधिकरण की पहल पर ऐसा ही करने का निर्णय लिया है। जल्द ही राशि खजाने में जमा कर दी जाएगी और उन किसानों की भूमि भी ले ली जाएगी और लेआउट के अनुसार उनका आवंटन प्लाट काटकर कर दिया जाएगा। बाद में जब कभी कोई किसान या उसका वारिश आएगा तो उसे मुआवजे की राशि दे दी जाएगी।