ट्रांसगंगा सिटी में बस रहीं अवैध कॉलोनियों का निर्माण रोकने की मांग, जानें - क्या मुख्य वजह आई सामने

ट्रांसगंगा सिटी में करीब चार हजार आवासीय भूखंड हैं। इनमें से पांच सौ से अधिक भूखंड आवंटित हैं जबकि शेष भूखंडों का आवंटन प्रबंधन चरणबद्ध ढंग से करेगा। सिटी में भूखंडों की दर 18 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 05:40 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 05:40 PM (IST)
ट्रांसगंगा सिटी में बस रहीं अवैध कॉलोनियों का निर्माण रोकने की मांग, जानें - क्या मुख्य वजह आई सामने
गंगा बैराज के पास बस रही ट्रांसगंगस सिटी की सांकेतिक तस्वीर ।

कानपुर, जेएनएन। उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर कुमार माहेश्वरी ने ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी के आसपास अवैध रूप से बसाई जा रही काॅलोनियों को रोकने के लिए मंगलवार को कानपुर विकास प्राधिकरण और उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि अनियोजित विकास रोकना जरूरी है, क्योंकि ये काॅलोनियां बिना लेआउट पास कराए ही बनाई जा रही हैं। जो सिटी के पास कॉलाेनियां बस रही हैं उनको बसाने वाले यह दावा भी कर रहे हैं कि वे ट्रांसगंगा सिटी में मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उन्हें दिलवा देंगे।

ट्रांसगंगा सिटी में करीब चार हजार आवासीय भूखंड हैं। इनमें से पांच सौ से अधिक भूखंड आवंटित हैं जबकि शेष भूखंडों का आवंटन प्रबंधन चरणबद्ध ढंग से करेगा। सिटी में भूखंडों की दर 18 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर है। सिटी के पास ही 10 से 15 हजार रुपये वर्गमीटर की दर से निजी कालोनाइजर भूखंड बेच रहे हैं। कानपुर नगर की सीमा में अवैध रूप से बस रही काॅलोनियों को तो पहले केडीए, राजस्व विभाग तोड़ चुका है, लेकिन उन्नाव जिले की सीमा में बस रही काॅलोनियों को तोड़ने को लेकर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। कुछ कालोनाइजर ने तो ट्रांसगंगा सिटी की बाउंड्री से सटकर ही कई एकड़ भूमि खरीद ली है। ऐसे में अब मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने सख्त रुख अख्तियार किया है और ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए पत्र लिखा है। मयूर माहेश्वरी ने बताया कि वीसी केडीए और उन्नाव- शुक्लागंज के साथ ही उन्नाव के डीएम को भी पत्र लिखा है।

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