कानपुर के कई मोहल्लों में छाया अंधेरा, पुलों और प्रमुख स्थानों में लाइटें बद होने से जनता में आक्रोश
शहर में दस हजार से ज्यादा लाइटें बंद पड़ी हैं। दीपावली में हर वार्ड में 10-10 एलईडी लाइट लगाने को कहा गया था लेकिन 110 वार्डों में एक नहीं लगी। इसको लेकर पिछले दिनों सदन में पार्षदों ने कंपनी के प्रतिनिधि को सदन पटल पर बुलाया था।
कानपुर, जेएनएन। वर्तमान समय में शहर के कई इलाके अंधेरे में हैं। एलईडी लाइट लगाने और रखरखाव कर रही ईईएसएल कंपनी ने दीपावली के समय से हाथ खड़े कर दिए हैं। बकाया भुगतान न मिलने के चलते कंपनी नई लाइटें लगना दूर बंद लाइटों को भी नहीं ठीक कर रही है।
शहर में दस हजार से ज्यादा लाइटें बंद पड़ी हैं। दीपावली में हर वार्ड में 10-10 एलईडी लाइट लगाने को कहा गया था, लेकिन 110 वार्डों में एक नहीं लगी। इसको लेकर पिछले दिनों सदन में पार्षदों ने कंपनी के प्रतिनिधि को सदन पटल पर बुलाया था। कंपनी के प्रतिनिधि ने साफ कहा था कि बकाया भुगतान न मिलने के कारण काम नहीं शुरू हो पा रहा है। इसको लेकर सदन ने फैसला लिया था कि चालू वित्तीय वर्ष में इनके बकाया का भुगतान का प्राविधान किया जाए। नयी कार्यकारिणी ने कर दिया है लेकिन सदन नहीं होने के कारण बजट नहीं पास हो पा रहा है। फिलहाल कोरोना को देखते हुए जल्द स्वीकृति नजर नहीं आ रही है। कंपनी लाइटें तक नहीं ठीक कर रही है। जीटी रोड, वीआइपी रोड और माल रोड की लाइटें बंद पड़ी है। ईद होने वाले है लेकिन अभी तक मुस्लिम क्षेत्रों में लाइटें नहीं लगना शुरू हो पायी है। इसको लेकर लोगों में आक्रोश है। महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि इस बाबत वह अफसरों और कंपनी के प्रतिनिधियों से बात करेंगी। अंधेरे को शहर से दूर किया जाएगा।