हादसों को आमंत्रण दे रहा कानपुर का रेलिंग विहीन यह पुल, जान जोखिम में डाल कर लोग करते हैं सफर
Kanpur Dangerous Bridge सोन प्रकाश ने बताया कि रेलिंग व पुल की सड़क में कीचड़ होने से कई बाहर वाहन सवार नीचे गिर चुके हैं। हमने नहर में कूद कर लोगों की जान बचाई है। अधिकारी व जनप्रतिनिधि सुनते नहीं।
कानपुर, जेएनएन। Kanpur Dangerous Bridge मर्दनपुर से पतरसा गांव को जोड़ने वाले एकमात्र पुल की इन दिनों दयनीय स्थिति है। इस पुल से सफर करना दिनों दिन दुर्गम होता जा रहा है। कारण, पुल के दोनों तरफ की रेलिंग का जर्जर होना। पुल की स्थिति का डर इतना है कि वाहनसवार हो या पैदल चलने वाला यहां से सफर करने के लिए उसे जान को जोखिम में डालना ही पड़ता है।
दस वर्ष से पुल है जर्जर: पनकी नहर (फतेहपुर फीडर) के ऊपर ब्रिटिश शासन में बना था। यह पुल मरदनपुर से पतरसा सहित दर्जनों गांव को जोड़ता है। तीन मीटर चौड़े रास्ते से छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं। क्षेत्रीय शिवपाल, हरिओम ने बताया कि पुल दस वर्ष से जर्जर स्थिति में है। सिंचाई विभाग का दफ्तर कानपुर देहात में है, यह दफ्तर देहात में किस जगह है? इस बात जानकारी किसी को भी नहीं है। यही कारण है हम शिकायत करने नहीं जा पाते हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ के समय यह पुल पूरी तरह से डूब गया था। पुल में रेलिंग न होने की वजह से बच्चों व बुजुर्ग रात में निकलते नहीं है। क्योंकि उनको डर रहता है कि कहीं कोई हादसा न हो जाए। स्थानीय निवासी मूलचंद ने बताया कि पुल कमजोर होकर कई जगह से गिर चुका है। जब नहीं बनाया तो क्षेत्र के लोगों ने मिलकर ही बनवा दिया। सोन प्रकाश ने बताया कि रेलिंग व पुल की सड़क में कीचड़ होने से कई बाहर वाहन सवार नीचे गिर चुके हैं। हमने नहर में कूद कर लोगों की जान बचाई है। अधिकारी व जनप्रतिनिधि सुनते नहीं।