सैद्धांतिक सहमति बनने के बाद दादानगर क्रॉसिंग का प्रस्ताव शासन में अटका, पहले ही भेजी जा चुकी शासन को रिपोर्ट
विधायक सुरेंद्र मैथानी की सिफारिश पर रेलवे और सेतु निर्माण निगम सर्वे कर अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। रिपोर्ट में अधिकारियों ने दर्शाया था कि क्राॅसिंग में जाम लगता है। यहां पर पुल की जरूरत है। नौ अक्टूबर को पुल पर सैद्धांतिक सहमति प्रदेश सरकार ने दी थी।
कानपुर, जेएनएन। दादानगर क्राॅसिंग में लगने वाले जाम को खत्म करने के लिए सेतु निर्माण निगम ने रिपोर्ट शासन को भेजी थी। वहां से सैद्धांतिक सहमति बनने के बाद निगम की ओर से प्रस्ताव बनाकर भेजा था। अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
फजलगंज, शास्त्री नगर, डबल पुलिया, पनकी, विजयनगर समेत अन्य इलाकों के लोग बर्रा, सीटीआई, गोविंदनगर, रतनलालनगर, शास्त्री चौक, दबौली सहित अन्य इलाकों में जाने वाले क्राॅसिंग में फंस जाते और काफी इंतजार करने के बाद क्राॅसिंग खुलती है। इससे लोगों का समय बर्बाद होता है। इसकी छुटकार दिलवाने के लिए विधायक सुरेंद्र मैथानी की सिफारिश पर रेलवे और सेतु निर्माण निगम सर्वे कर अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। रिपोर्ट में अधिकारियों ने दर्शाया था कि क्राॅसिंग में जाम लगता है। यहां पर पुल की जरूरत है। नौ अक्टूबर को पुल पर सैद्धांतिक सहमति प्रदेश सरकार ने दी थी। इसके बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी गई थी। इसमें अभी तक कुछ कार्रवाई नहीं हो पाई है।
उलटी दिशा से होकर जाते हैं वाहन
रात में अक्सर क्राॅसिंग बंद मिलती है तो बड़े या छोटे वाहन सर्विस रोड से होकर दादानगर समानांतर पुल पर चढ़ते हैं। इसके बाद उलटी दिशा से होकर दक्षिण क्षेत्र की गोविंदनगर सीटीआई के ओर जाते हैं।
बैरियर उठाकर बंद क्राॅसिंग में घुसते हैं दो पहिया वाहन सवार
ट्रेन आने से पहले कर्मचारियों द्वारा बैरियर को बंद कर दिया जाता है। जल्दबाजी के चक्कर से दो पहिया वाहन सवार बैरियर के नीचे से वाहन को लिटा कर निकालते हैं। इस दौरान ट्रेन आने का भी खतरा रहता है।