डकैत मंगली केवट को सता रहा जान का खतरा, अदालत में पेशी पर की सुरक्षा की मांग

निर्भय गुर्जर गैंग में सक्रिय सदस्य रहे डकैत मंगली केवट ने बाद में अपना अलग गैंग बना लिया था। करीब 15 साल पहले गिरफ्तारी के बाद से वह कानपुर देहात की जेल में बंद है। न्यायालय में पेशी पर लाते समय जान के खतरे की आशंका जताई है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 09:55 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 09:55 AM (IST)
डकैत मंगली केवट को सता रहा जान का खतरा, अदालत में पेशी पर की सुरक्षा की मांग
निर्भय गुर्जर गैंग का सक्रिय सदस्य रहा है मंगली केवट।

कानपुर देहात, जागरण संवाददाता। निर्भय गुर्जर गैंग में सक्रिय रहे डकैत मंगली केवट को जान का खतरा सता रहा है। 15 साल से जेल में बंद डकैत ने कोर्ट में पेशी के लिए आने के दौरान सुरक्षा की मांग की है। न्यायालय ने मामले की सुनवाई की तारीख चार दिसंबर तय की है। सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक) कोर्ट निजेंद्र कुमार के यहां चल रही है।

कानपुर नगर के बाद अब देहात जेल में बंद डकैत मंगली केवट के मामले में नियत तिथि पर मंगलवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से तर्क दिया गया कि डकैत मंगली, निर्भय गुर्जर गैंग का सक्रिय सदस्य रहा है। बाद में उसने अपना अलग गिरोह बना लिया था। एसओजी टीम ने आरोपित की निशानदेही पर महेशपुर जंगल के पास से एके-47, सात कारतूस व दो मैगजीन बरामद की थीं।

सरकार की ओर से आरोपित पर 50 हजार रुपये का इनाम भी था, इसलिए आरोपित को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। वहीं, बचाव पक्ष ने बहस के लिए न्यायालय से समय की मांग की। इसके साथ ही आरोपित को जान का खतरा बताते हुए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया। पेशी में लाने के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड की मांग की।

बचाव पक्ष ने बताया कि वर्ष 2006 से मंगली केवट को जेल में अलग बैरक में रखा गया था। साथ ही पेशी पर लाने के दौरान स्पेशल गार्ड मिलते थे। अब चार अक्टूबर, 2021 से उसे आम बंदियों के साथ पेशी में लाया जा रहा है, जिससे जान का खतरा है। न्यायालय ने मामले में आदेश को सुरक्षित रखा है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप पांडेय ने बताया कि बचाव व अभियोजन पक्ष को सुनने के बाद न्यायालय ने सुनवाई के लिए चार दिसंबर की तिथि नियत की है।

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