साइबर ठगों ने पीएफ में लगाई सेंध, कानपुर के 236 कर्मियों का 60 लाख रुपये किया पार

साइबर ठगों ने फर्जी बैंक खाता लिंक करके केस्को के 236 संविदा कर्मियों का करीब 60 लाख रुपये निकाल लिया है। माना जा रहा है यह खेल अकेले कानपुर में नहीं हुआ है बल्कि पूरे प्रदेश में कर्मियों के साथ होने की आशंका बनी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 07:56 AM (IST) Updated:Sun, 29 Aug 2021 07:56 AM (IST)
साइबर ठगों ने पीएफ में लगाई सेंध, कानपुर के 236 कर्मियों का 60 लाख रुपये किया पार
कर्मचारी भविष्य निधि की सुरक्षा का संकट।

कानपुर, [गौरव दीक्षित]। केस्को के ग्वालटोली सब स्टेशन में तैनात आनंद कुमार और अजय कुमार के पीएफ अकाउंट से पंजाब एंड सिंध बैंक का खाता अटैच था। उन्हेंं पता ही नहीं चला कि कब कर्मचारी भविष्य निधि की वेबसाइट पर जाकर साइबर ठगों ने उनका पंजाब एंड सिंध बैंक का खाता रिमूव कर दिया। ठगों ने आनंद के पीएफ अकाउंट से इलाहाबाद बैंक और अजय के पीएफ अकाउंट से यश बैंक का खाता नंबर जोड़कर 69 हजार रुपये पार दिए। इलाहाबाद बैंक व यश बैंक में इनके नामों से खाता खोला गया।

पूरे यूपी में खेल होने की आशंका

केस्को के संविदा कर्मियों के पीएफ में सेंध के ये दो उदाहरण मात्र भर हैं। सामने आया है कि आउट सोर्सिंग से कर्मचारी मुहैया कराने वाली कंपनियों ने बैंकों के साथ मिलकर केस्को के 236 कर्मचारियों का लगभग 60 लाख रुपया पार कर दिया। आशंका है कि यह खेल केवल केस्को या कानपुर में ही नहीं हुआ बल्कि उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में इसी तरह से भविष्य निधि से करोड़ों रुपये निकाल लिए गए हैं। इस मामले के सामने आने के बाद जहां कर्मचारी भविष्य निधि में जमा अरबों रुपये की सुरक्षा का संकट सामने आया है, वहीं बैंकों की मिलीभगत भी हैरान करने वाली है।

ऐसे हुआ है खेल

पड़ताल में सामने आया है कि विभिन्न विभागों को आउट सोर्सिंग से कर्मचारी मुहैया कराने वाली कंपनियां जहां से रजिस्टर्ड होती हैं, वहीं ही कर्मचारियों का भविष्य निधि भी जमा होता है। यह कंपनियां दो-चार साल में बदल जाती हैं। ऐसे में अमूमन कर्मचारी भविष्य निधि का पैसा निकाल लेते हैं। यह ठगी कर्मचारियों की इसी प्रवृत्ति के चलते परवान चढ़ी। कंपनियों के दलालों ने कर्मचारियों से उनके नाम, मोबाइल नंबर, बैंक खाता का विवरण ले लिया।

उन्हेंं बताया कि पैसा निकालने के दौरान मोबाइल पर ओटीपी नंबर आएगा, जिसे उन्हेंं बताना होगा। ओटीपी नंबर मिलने के बाद शातिरों ने इसके जरिए भविष्य निधि की वेबसाइट पर बैंक खाता नंबर रिमूव कर दिया। इसके स्थान पर दूसरे बैंक में उसी नाम से खुलवाया गया फर्जी बैंक खाता जोड़ दिया। इसके बाद आनलाइन पीएफ निकासी का आवेदन करके पैसा फर्जी बैंक में डलवाकर धन की निकासी कर ली।

केस्को संविदा संगठन बना मददगार

कर्मचारियों के साथ हो रही इस तरह की ठगी में केस्को संविदा कर्मचारी संगठन आगे आया है। संगठन के महामंत्री दिनेश सिंह भोले के मुताबिक उन्होंने कर्मचारियों से बात की है। करीब 236 कर्मचारियों के खातों से भविष्य निधि का पैसा निकला है, जो लगभग 60 लाख रुपये है। अगर जांच हो तो पूरे प्रदेश में इस तरह का खेल सामने आ सकता है।

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