Cyber Crime in Kanpur: सिमकार्ड बंद कर खाते से निकाले 3.12 लाख, रिटायर्ड रेलकर्मी को बनाया शिकार

फजलगंज निवासी रिटायर्ड रेलवे कर्मी दिनेश चंद्र सिन्हा के इसका पता तब चला जब पांच दिन बाद वह बैैंक गए। उन्होंने बताया कि फजलगंज स्थित पंजाब नेशनल बैैंक की शाखा में पेंशन का पैसा आता है। 30 सितंबर को खाते से लिंक मोबाइल नंबर बंद हो गया था।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 11:32 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 11:32 AM (IST)
Cyber Crime in Kanpur: सिमकार्ड बंद कर खाते से निकाले 3.12 लाख, रिटायर्ड रेलकर्मी को बनाया शिकार
साइबर क्राइम की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फाेटो।

कानपुर, जेएनएन। बैैंकों में जमा लोगों की गाढ़ी कमाई की रकम उड़ाने के लिए साइबर अपराधी भी अब खुद को अपग्रेड कर रहे हैैं। शहर में फजलगंज निवासी रिटायर्ड रेलकर्मी के साथ चौंकाने वाली तरकीब आजमाई और कुछ देर में ही उनकी पेंशन की रकम बैैंक खाते से पार कर दी। साइबर अपराधियों ने पहले सिमकार्ड बंद कराया, ताकि बैैंक से रकम निकलने का पता न चले और दूसरी तरफ आधार नंबर को हैक कर इससे लिंक बैैंक खाते को खुद संचालित करते हुए 3.12 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।

फजलगंज निवासी रिटायर्ड रेलवे कर्मी दिनेश चंद्र सिन्हा के इसका पता तब चला, जब पांच दिन बाद वह बैैंक गए। उन्होंने बताया कि फजलगंज स्थित पंजाब नेशनल बैैंक की शाखा में पेंशन का पैसा आता है। 30 सितंबर को खाते से लिंक मोबाइल नंबर बंद हो गया था। उस नंबर को वह आठ वर्ष से इस्तेमाल कर रहे थे। जब मोबाइल नंबर प्रदाता कंपनी के दफ्तर पहुंचे तो कर्मचारी ने बताया, आपका सिम सिस्टम में नहीं है। चार अक्टूबर को दोबारा गए तो फिर कर्मचारी ने यही जवाब दिया। पांच अक्टूबर को उन्होंने बैंक पहुंचकर पांच हजार रुपये का विड्राल फार्म भरा, तब कैशियर ने बताया कि खाते में एक भी पैसा नहीं है। पूरा पैसा निकाला जा चुका है। बैंक में शिकायत के बाद उन्होंने थाने में तहरीर दी। थाना प्रभारी अजय प्रताप ङ्क्षसह ने बताया कि आइटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। स्टेटमेंट से पता लगा है कि रकम कई बार में यूपीआइ के जरिये विभिन्न खातों में ट्रांसफर की गई है। उन खातों की केवाइसी के आधार पर अपराधियों का पता लगाया जा रहा है।

पुलिस ने 13 दिन बाद दर्ज की रिपोर्ट: दिनेश चंद्र ने बताया कि पांच अक्टूबर को खाते से रकम निकलने की जानकारी मिलने के बाद तुरंत पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी गई। इसके बाद साइबर सेल में प्रार्थना पत्र दिया, फिर भी रिपोर्ट नहीं दर्ज हुई। डीसीपी से शिकायत के बाद सोमवार को मुकदमा लिखा गया।

फ्रीज कराए जा रहे अपराधियों के खाते : अपराधियों ने जिन खातों में रकम ट्रांसफर की थी, पुलिस अब उन खातों को फ्रीज करा रही है। हालांकि जांच में पता लगा है कि उन खातों से रकम पहले ही निकाली जा चुकी है। यही नहीं, आरोपितों के एक्सिस बैंक के एक खाते की केवाइसी मिली है, जिसमें राहुल नामक व्यक्ति की आइडी लगी है।

खाते से लिंक नंबर हो जाए बंद तो रहें अलर्ट: बैंक खाते से ङ्क्षलक मोबाइल नंबर यदि अचानक बंद हो जाए तो तुरंत बैंक से संपर्क करें और खाते को होल्ड कराएं। साइबर थाना प्रभारी जगदीश यादव ने बताया कि खाते से ङ्क्षलक मोबाइल नंबर बंद कराने के बाद साइबर अपराधी उसे अपने नाम से जारी कराकर यूपीआइ (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) आइडी बना लेते हैं और उसके जरिये खाते से रकम आनलाइन दूसरे खातों में ट्रांसफर करा लेते हैं। पूर्व में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि लोग अपने आधार को भी लाक रखें, ताकि एईपीएस (आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम) के जरिये भी कोई खाते से रकम न निकाल सके।

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