CSJMU Kanpur के नए कुलपति की सख्त चेतावनी, बंद होंगे मानक पर खरे न उतरने वाले कॉलेज
नव नियुक्त कुलपति प्रो. विनय पाठक ने कार्यभार ग्रहण किया। कहा विश्वविद्यालय को ए प्लस प्लस ग्रेड दिलाना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। तकनीकी और डिजिटल प्रणाली की पटरी पर उच्च शिक्षा ले जाने का लक्ष्य है ।
कानपुर, जेएनएन। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) से ऐसे डिग्री कॉलेजों को अलग कर दिया जाएगा जो मानक पर खरे नहीं उतरेंगे। कॉलेजों का औचक निरीक्षण व परीक्षण होगा। जो कॉलेज इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षक-छात्र अनुपात, प्रयोगशाला व पुस्तकालय समेत अन्य सुविधाओं में उपयुक्त नहीं होंगे, बंद कर दिए जाएंगे। कॉलेजों को मानक पूरे करने के लिए महीने भर का समय दिया जा रहा है। ये बातें नवनियुक्त कुलपति प्रो. विनय पाठक ने कार्यभार ग्रहण के बाद प्रेसवार्ता में कहीं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस ग्रेड दिलाना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। छात्रों की समस्याओं का समाधान करने के लिए टेलीग्राम एप पर ग्रुप बनाया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स व मशीन लर्निंग की मदद से अकादमिक मॉनीटरिंग सिस्टम तैयार करेंगे। इसको डिजिटल करने के लिए इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) का इस्तेमाल किया जाएगा।
ग्रीवांस सेल को भी तकनीक के साथ जोड़ा जाएगा। विश्वविद्यालय परिसर के साथ ही संबद्ध कॉलेजों में पठन-पाठन की व्यवस्था की मानीटरिंग की जाएगी। वार्ता में डीन अकादमिक प्रो. संजय स्वर्णकार के अलावा प्रो. नंदलाल, डॉ. विवेक सिंह सचान, डॉ. बीआर अग्रवाल, डॉ. राशि अग्रवाल व डॉ. प्रवीण कटियार समेत अन्य शिक्षक मौजूद रहे।
टेंडर में लापरवाही हुई तो कार्रवाई तय
प्रो. पाठक ने कहा कि विश्वविद्यालय के कार्यों के लिए निकाले जाने वाले टेंडर में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसी भी प्रकार के तथ्य की गलती व लापरवाही सामने आई तो संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
समय पर परीक्षा परिणाम न निकले तो दोषियों को चिन्हित करें
समय पर परीक्षा परिणाम जारी न किए जाने के सवाल पर कुलपति ने कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव को निर्देश दिया कि ऐसे कर्मचारियों को चिह्नित करके कार्रवाई करें।
पुराने मामलों की जांच कराएंगे
विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार को लेकर किए गए सवालों के जवाब में प्रो. विनय पाठक ने कहा कि जरूरत पडऩे पर पुराने मामलों की जांच कराई जाएगी।
गांव व आंगनबाड़ी गोद लें कैडेट
कुलपति ने कहा कि छात्र छात्राएं अब पठन पाठन के साथ सामुदायिक सहभागिता भी करेंगे। उन्हें प्रेरित किया जाएगा कि वह साक्षरता व स्वास्थ्य अभियान समेत अन्य जागरूकता कार्यक्रम के लिए गांव व आंगनबाड़ी को गोद लें।
यूं ही नहीं मिलेगी संबद्धता
उन्होंने कहा, कॉलेजों को विश्वविद्यालय से रेवड़ी की तरह संबद्धता नहीं बांटी जाएगी। संबद्धता देने से पहले भौतिक व ऑनलाइन सत्यापन के बाद रिपोर्ट का मिलान होगा। अगर मिलान ठीक नहीं बैठता है तो संबद्धता नहीं मिलेगी।
पहले से विश्वविद्यालय के परिवार का हिस्सा हूं
प्रो. पाठक ने बताया कि मैं पहले से विश्वविद्यालय के परिवार का हिस्सा रहा हूं। मेरे पिता, मैं व मेरी पत्नी तीनों यहां के एल्युमिनाई रहे हैं। यह मेरा सौभाग्य है कि आज यहां कुलपति बनकर आया हूं।