CSJMU Kanpur बना नोडल सेंटर, विश्वविद्यालयों और कालेजों को नैक मूल्यांकन कराने पर जोर
नैक की ओर से सीएसजेएमयू कानपुर को नोडल सेंटर नामित करके वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें आनलाइन प्रतिभाग करने वाले 100 से ज्यादा महाविद्यालयों को मूल्यांकन कराने के लिए प्रेरित किया गया। बेहतर प्रदर्शन करने वाले कालेजों को मेंटरशिप व वित्तीय सहायता भी देगा।
कानपुर, जागरण संवाददाता। छत्रपति शाहूजी महाराज विवि की ओर से नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) के मूल्यांकन के प्रति प्रेरित करने के लिए सोमवार को जूम एप पर राज्यस्तरीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों समेत 100 से ज्यादा संस्थानों ने हिस्सा लिया। कुलपति ने कहा कि विवि बेहतर प्रदर्शन करने वाले 20-25 कालेजों को नैक मूल्यांकन के लिए आवेदन करने पर मेंटरशिप व वित्तीय सहायता भी देगा।
उप्र राज्य उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सीएसजेएमयू को वेबिनार कराने के लिए नोडल सेंटर के रूप में नामित किया गया था। इसी क्रम में सोमवार को वेबिनार का आयोजन दोपहर बाद दो बजे से जूम एप पर कराया गया। कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने महाविद्यालयों से नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया में प्रतिभाग करने का आह्वान किया और मूल्यांकन की महत्ता बताई। उन्होंने कहा कि डाटा एकत्र करना महत्वपूर्ण कार्य है। कानपुर विवि ने इसके लिए इन हाउस साफ्टवेयर व नैक पोर्टल विकसित किया है। सभी संस्थान इसका प्रयोग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सीएसजेएमयू पहला विवि है, जिसने पोर्टल बनाया है।
उन्होंने नैक के संदर्भ में एकेडमिक एडवाइजरी कमेटी बनाने की सलाह दी। मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग ने विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को अकादमिक प्रगति पर ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि अकादमिक कार्यों का रिकार्ड रखना जरूरी है। नवाचार व शोध के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित भी किया।
विशिष्ट अतिथि नैक की उप सलाहकार डा. प्रतिभा सिंह ने बताया कि देश में 81 विवि हैं, जिनमें से 34 नैक मूल्यांकन करा चुके हैं। महाविद्यालयों की संख्या 7788 है, जिसमें 590 महाविद्यालय नैक मूल्यांकन ग्रेड प्राप्त कर चुके हैं। मूल्यांकन के लिए 67 प्रतिशत डाटा का आंकलन मात्रात्मक व 33 प्रतिशत का आंकलन गुणात्मक रूप में होता है। मदनमोहन मालवीय तकनीकी विवि गोरखपुर के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने नैक मूल्यांकन की तैयारी के गुर सिखाए। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन से संस्थान को ख्याति मिलती है एवं छात्रों को गर्व की अनुभूति होती है। वेबिनार में पंडित रविशंकर शुक्ल विवि छत्तीसगढ़ के प्रो. शैलेन्द्र सराफ, लखनऊ विवि के प्रो. राजीव मनोहर ने शोध कार्यों की महत्ता बताई। शोध पत्रों के प्रकाशन, पेटेंट करने पर ध्यान देने की बात कही। वेबिनार का आयोजन आइक्यूएसी व नैक समिति ने कराया।