CSJMU की शिक्षक अनुमोदन व्यवस्था में बड़ा बदलाव, महाविद्यालय बदलने पर दोबारा नहीं होगा साक्षात्कार
छत्रपति शाहू जी महाराज विवि की संबद्धता समिति की बैठक में लिए गए निर्णय पर कार्य परिषद ने मुहर लगा दी है। अब स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के तबादले पर दोबारा साक्षात्कार नहीं लिया जाएगा ।
कानपुर, जेएनएन। छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षक अब दोनों प्रबंधकों की रजामंदी से कालेज बदल सकेंगे। इसके लिए उन्हें दोबारा साक्षात्कार देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। विवि की संबद्धता समिति की बैठक में लिए गए निर्णय पर कार्यपरिषद ने अपनी मुहर लगा दी है। कुलपति प्रो. विनय पाठक ने शिक्षक अनुमोदन व साक्षात्कार प्रक्रिया में ये बदलाव करते हुए कालेज प्रबंधकों व शिक्षकों को राहत दी है। विवि से संबद्ध 800 स्ववित्तपोषित महाविद्यालय हैं।
अभी तक एक महाविद्यालय से दूसरे महाविद्यालय में जाने वाले शिक्षकों को दोबारा साक्षात्कार से गुजरना पड़ता था, फिर चाहें वह कितने भी वर्षों से पढ़ा रहे हों। इसमें सबसे बड़ी दिक्कत साक्षात्कार के लिए विषय विशेषज्ञों का पैनल बनने की होती थी। कई बार छह महीने तक पैनल नहीं बन पाता था। ऐसे में कालेज उस संकाय में छात्रों को प्रवेश देने से वंचित रह जाते थे, जिसमें शिक्षकों का चयन नहीं हो पाता था। अब शिक्षक को दूसरे महाविद्यालयों में ज्वाइन करने के लिए इस प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। दूसरे महाविद्यालय में पढ़ाने के लिए कार्यरत महाविद्यालय की ओर से जारी किया गया अनापत्ति प्रमाण पत्र व जिस महाविद्यालय में ज्वाइन करना है उसका सहमति पत्र पर्याप्त होगा। कुलसचिव डा. अनिल कुमार यादव ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
कम किए जाएंगे आब्जर्वर : महाविद्यालय विकास परिषद के निदेशक डा. आरके द्विवेदी ने बताया कि अभी विवि की वार्षिक परीक्षाओं के केंद्रों पर नजर रखने के लिए 120 आब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं। जिन केंद्रों पर छोटी छोटी परीक्षाएं हैं और छात्र संख्या कम है, वहां पर आब्जर्वर हटाए जा सकते हैं।