सीएसजेएमयू के फाइन आर्ट के छात्र छात्राओं ने दिखाई अभूतपूर्व प्रतिभा, तीन महीने में बना डाली धातुओं की सात कलाकृतियां

अभिषेक शुक्ला ने ढाई फिट की मशीन गन बनाई है। नंदिनी मानसी कनौजिया प्रज्ञा श्रीवास्तव राजू विलियम व उज्ज्वल ने 14 फिट का डिजिटल मैन बनाया है। कुलदीप सरोज राकेश कश्यप सचिन कुमार सीमा अदिति द्विवेदी तूलिका रावत सौम्या व प्रताप कुमार मौर्य ने नौ फिट का हल बनाया है

By Akash DwivediEdited By: Publish:Tue, 06 Apr 2021 05:38 PM (IST) Updated:Tue, 06 Apr 2021 05:38 PM (IST)
सीएसजेएमयू के फाइन आर्ट के छात्र छात्राओं ने दिखाई अभूतपूर्व प्रतिभा, तीन महीने में बना डाली धातुओं की सात कलाकृतियां
इंस्टीट्यूट ऑफ फाइन आट्र्स विभाग इमारत पर धातु से लिखकर उसकी ब्रांडिंग की हैै

कानपुर, जेएनएन। कोरोनाकाल को अवसर में बदलना कोई छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं से सीखे। विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज के छात्र छात्राओं ने महज तीन महीने के समय अंतराल में धातुओं को जोड़कर सात ऐसी कलाकृतियां बनाईं जो विश्वविद्यालय का चेहरा बन गई हैं। लोहे की बेकार पड़ी चीजों से भी इस तरह के मेटल स्क्रेप्चर बनाकर उन्होंने अपनी प्रतिभा का शानदार नमूना पेश किया है।

फाइन आर्ट के छात्र शिव शंकर व शैलेंद्र कुमार मौर्य ने 15 फिट जिराफ बनाकर उसे विभाग के परिसर की शोभा बनाया। इसी परिसर में अभिषेक शुक्ला, नेहा यादव, रूस्तम सिंह, रिया व प्रतिष्ठा प्रजापति ने नौ फिट का गिटार बनाया हुआ गिटार स्थापित किया गया है। अभिषेक शुक्ला ने ढाई फिट की मशीन गन बनाई है। नंदिनी, मानसी कनौजिया, प्रज्ञा श्रीवास्तव, राजू विलियम व उज्ज्वल ने 14 फिट का डिजिटल मैन बनाया है। कुलदीप सरोज, राकेश कश्यप, सचिन कुमार, सीमा, अदिति द्विवेदी, तूलिका रावत, सौम्या तिवारी व प्रताप कुमार मौर्य ने नौ फिट का हल बनाया है। यह सभी मेटल स्क्रेप्चर विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट परिसर में लगाए गए हैं। इसके अलावा इनमें सबसे बड़ा 24 फिट का विश्वविद्यालय वृक्ष है जिसे चैराहे पर लगाया गया है। यह वृक्ष कुलदीप सरोज, राकेश कश्यप, प्रताप कुमार मौर्य, रामवीर राठौर, नेकराम, अंकित प्रजापति, शिव शंकर व रूस्तम सिंह ने तैयार किया है। इनके अलावा शिवशंकर, रूस्तम सिंह, रामवीर राठौर व नेकराम ने इंस्टीट्यूट ऑफ फाइन आट्र्स विभाग इमारत पर धातु से लिखकर उसकी ब्रांडिंग की हैै।

सोच से मिला आकार : यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फाइन आट्र्स के प्रभारी डॉ. बृजेश स्वरूप कटियार ने बताया कि छात्र छात्राओं ने लोहे की रॉड, सॉकर, चेन, हैंडिल, रिम व स्टेरिंग समेत अन्य लोहे की चीजों से यह कलाकृतियां बनाई हैं। यह छात्रों की सोच है जिन्हेंं आकार देकर यह चीजें बनाई गई हैं।

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