सीएसए विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं की सुनी जाएगी मन की बात, जानें कैंपस में क्‍या हो रही प्‍लानिंग

ग्रीवांस रिड्रेस मैकेनिज्म के अंतर्गत छात्र-छात्राएं अपनी शिकायत। सुझाव समस्याएं साझा कर सकेंगे। विश्वविद्यालय में कई जगह लगाए जाएंगे शिकायती बॉक्स। कुलपति तक पहुंचेगी समस्या व शिकायतें। शाम की कक्षाएं लगाने पर भी विचार किया जा रहा है।

By ShaswatgEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 03:26 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 05:37 PM (IST)
सीएसए विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं की सुनी जाएगी मन की बात, जानें कैंपस में क्‍या हो रही  प्‍लानिंग
वरिष्ठ अधिकारियों से होते हुए कुलपति तक पहुंचेगी समस्‍याएं।

कानपुर, जागरण स्‍पेशल। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्र अपनी समस्याएं, शिकायतें, सुझाव और मन की बात कर सकेंगे। यह सीधे वरिष्ठ अधिकारियों से होते हुए कुलपति तक पहुंचेगी, जिसकी प्रतिदिन मॉनीटरिंग की जाएगी। इस काम के लिए अलग कमेटी बनाने की तैयारी चल रही है। विश्वविद्यालय में ग्रीवांस रिड्रेस मैकेनिज्म (शिकायत निवारण तंत्र) विकसित किया जा रहा है, जिसमें परिसर में कई जगह शिकायती बॉक्स लगाए जाएंगे।

गंभीर समस्‍या पर कुलपति स्‍वयं करेंगे बात

छात्र-छात्राएं शिक्षा, शोध, लैब समेत अन्य मामलों की शिकायतें और सुझाव डाल सकेंगे। शिकायत करने वाले की नाम सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। अगर गंभीर समस्या हुई तो स्वयं कुलपति शिकायकर्ता छात्र से बात करेंगे। उसकी समस्या का निस्तारण किया जाएगा। ग्रीवांस रिड्रेस मैकेनिज्म में आने वाली शिकायतों के निस्तारण के लिए हफ्ते भर का समय निर्धारित किया गया है।

शाम की कक्षाएं शुरू कराने की तैयारी

छात्रों के विश्वविद्यालय आने पर शाम की कक्षाएं शुरू कराने की प्लानिंग है। इससे छात्रों के पिछड़ गए कोर्स का रिवीजन कराया जाएगा। कुलपति डॉ. डीआर सिंह ने बताया कि नए सत्र से शिक्षा और शोध को बढ़ावा देने के लिए कई प्लानिंग की गई है। उनके लिए शाम की कक्षाएं लगाने पर भी विचार किया जा रहा है।

शोध कार्याें पर रहेगा फोकस

विश्वविद्यालय प्रशासन शोध कार्यों पर भी फोकस करेगा। सभी विभागाध्यक्षों को अधिक से अधिक प्रोजेक्ट लाने के लिए निर्देशित किया गया है। इसमें किसान और ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी शामिल हो सकेंगे। विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी को डिजिटल किया जा रहा है, जिससे छात्रों को घर बैठे ही फायदा हो सके।

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