कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में 10 पायदान चढ़ा सीएसए

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की रैंकिग में मिला 43वां स्थान

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Dec 2020 02:33 AM (IST) Updated:Sun, 06 Dec 2020 02:33 AM (IST)
कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में 10 पायदान चढ़ा सीएसए
कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में 10 पायदान चढ़ा सीएसए

जागरण संवाददाता, कानपुर : शिक्षण, शोध कार्य, सेमिनार, वेबिनार, तकनीक का विकास और प्रोजेक्ट कार्यों की बदौलत चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए) ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की ओर से शनिवार को जारी हुई कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में 10 पायदान की छलांग लगाई है। इस बार विवि को 43वां स्थान मिला है, जबकि पिछले वर्ष 53वां नंबर था।

सबसे आगे करनाल का नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट है, जबकि दूसरे नंबर पर लुधियाना का पंजाब एग्रीकल्चरल विवि है। तीसरे नंबर पर नई दिल्ली का भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान है। बांदा कृषि विवि की 58वीं और अयोध्या कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि की 61वीं रैंक है। प्रदेश में सबसे ऊपर सरदार वल्लभ भाई पटेल यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी है। उसकी 17 वीं रैंकिग आई है। सीएसए के कुलपति डॉ. डीआर सिंह ने फैकल्टी, छात्रों और शोधार्थियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही विवि में कई तरह के और प्रोजेक्ट लाए जाएंगे। छात्रों को शोध में पूरा सहयोग दिया जाएगा। सीएसए किसानों की दोगुनी आय के लिए काम कर रहा है। यहां की तकनीक गांवों तक पहुंचाई जा रही है।

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इन प्रयासों से मिली कामयाबी

निदेशक शोध डॉ. एचजी प्रकाश ने बताया कि इस वर्ष प्लानिग के अंतर्गत काम किया गया, जिसका लाभ रैंकिग के सुधार के रूप में मिला है। कई तरह की उपलब्धियां विश्वविद्यालय के नाम पर हैं।

-अलसी की दो और मूंगफली की एक प्रजाति विकसित की।

-20 करोड़ के नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ।

-राष्ट्रीय प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के दो छात्रों को मेडल मिले।

-60 से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए गए।

-11 कृषि तकनीक विकसित की गई।

-पांच हजार किसानों को प्रशिक्षित किया गया।

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