कृषि विश्वविद्यालय अब बेचेगा फार्म हाउस की ताजी सब्जियां, शहरवासियों के लिए लगेगी बाजार

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के फार्म हाउस में पैदा होने वाली जैविक ताजी हरी सब्जियों की बिक्री कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र (एटीआइसी) से की जाएगी यहां पर आकर शहर के लोग भी हरी मौसमी सब्जी खरीद सकेंगे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 03:20 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 05:43 PM (IST)
कृषि विश्वविद्यालय अब बेचेगा फार्म हाउस की ताजी सब्जियां, शहरवासियों के लिए लगेगी बाजार
कृषि विश्वविद्यालय के फार्म हाउस में जैविक सब्जियों की पैदावार होती है।

कानपुर, जेएनएन। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के फार्म में पैदा होने वाली जैविक, पौष्टिकता से भरपूर और ताजी सब्जियों का स्वाद अब शहरवासी भी आसानी से ले सकेंगे। विश्वविद्यालय में ताजी हरी सब्जी की बिक्री की जाएगी, जिसे खरीदने के लिए शहरवासी भी जा सकेंगे। इसकी बिक्री कंपनी बाग चौराहा के गेट के पास स्थित कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र (एटीआइसी) से की जाएगी।

अभी तक यहां से किसानों को महत्वपूर्ण जानकारियां देने के साथ ही बीज मुहैया कराए जाते हैं। इसके आलावा विश्वविद्यालय के फार्म हाउस में पैदा होने वाली सब्जियां, दलहन, तिलहन फसलाें की नीलामी होती थी। फिलहाल पहले चरण में सिर्फ सब्जियों को बाजार की तरह आम जनता को बचेने का फैसला किया गया है। 

कई एकड़ फार्म में पैदा होतीं सब्जियां

सीएसए के रावतपुर, कंपनी बाग चौराहा, आइआइपीआर, लखनपुर समेत विश्वविद्यालय परिसर में कई एकड़ के फार्म हैं। यहां दलहन, तिलहन, सब्जियां, अनाज आदि उगाए जाते हैं। इन खेतों में कुछ तो शोध के लिए फसलों को तैयार किया जा रहा है, जबकि कई अन्य कृषि संस्थानों के बीजों की जांच की जा रही है। दोनों ही स्थिति में बीजों को अलग अलग मौसम, पानी की अधिकता या कमी के मानकों पर चेक किया जाता है। इन पर जैविक पूरी तरह से जैविक पद्धति इस्तेमाल हो रही है, जिससे किसानों के खर्च को कम किया जा सके। कई फसलाें की प्रजातियां बहुत ही बेहतर रहती हैं। इनमें मटर, आलू, गोभी, मिर्च, शिमला मिर्च, बैगन, टमाटर आदि शामिल हैं।

रोग और कीड़ों की आशंका न के बराबर

विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञों की निगरानी में होने की वजह से सब्जियों और अन्य फसलों में रोग व कीड़ों की आशंका न बराबर होती है। अगर कहीं समस्या आती है, तो उनका तुरंत निदान किया जाता है।

कैसे मिला आइडिया

विश्वविद्यालय परिसर में सुबह और शाम के समय सैकड़ों लोग सैर के लिए आते हैं। उन्होंने फसलों की गुणवत्ता को देखा और कुलपति डॉ. डीआर सिंह से चर्चा की। कुलपति ने इसको अनुमति दे दी है। अभी एटीआइसी में कुछ तबदीली की जाएगी, जिससे किसी तरह की कोई समस्या न आए।

मिल सकेगा रोजगार

सब्जियों की पैकिंग और उसको एटीआइसी सेंटर तक लाने में स्टाफ के साथ ही कुछ लोगों को अस्थाई तौर पर नियुक्त किया जाएगा। उसके लिए विश्वविद्यालय जल्द ही नियुक्त कर सकता है। शहरवासियों को ताजी, जैविक और पौष्टिकता से भरपूर सब्जियां मिल सकेंगी। इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि यह बाजार रेट के अनुरूप ही रहें। इस कार्य के लिए जल्द ही जिम्मेदारी तय की जाएगी। -डॉ. डीआर सिंह, कुलपति सीएसए कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

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