सीएसए कृषि विश्वविद्यालय के 40 फीसद प्रोफेसर परीक्षा में फेल, अब तीन महीने का समय

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा में फेल हुए प्रोफेसरों को नोटिस जारी किया है और अगले तीन महीने बाद फिर से होने वाली परीक्षा में शामिल होने को कहा है। विभाग से नदारद रहने वाले कई प्रोफेसरों से प्रस्तुतिकरण देने के लिए कहा गया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 09:50 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 09:50 AM (IST)
सीएसए कृषि विश्वविद्यालय के 40 फीसद प्रोफेसर परीक्षा में फेल, अब तीन महीने का समय
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय प्रशासन ने नोटिस दी है।

कानपुर, जेएनएन। अभी तक छात्रों का फेल होना तो सुना होगा लेकिन प्रोफसर भी परीक्षा में फेल हो सकते हैं, ऐसा कभी नहीं सोचा होगा। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में चालीस फीसद प्रोफेसर परीक्षा में फेल हो गए। विश्वविद्यालय प्रशासन ने फेल प्रोफेसरों को नोटिस दिया है और तीन महीने बाद फिर से परीक्षा में शामिल होने काे कहा है। फिलहाल उनकी वेतन वृद्ध पर तलवार लटक गई है।

वित्तीय अनियमितता और कई प्रोफेसरों के शैक्षणिक कार्यों में संलिप्त न रहने का मामला प्रकाश में आने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने फूंक-फूंक कर कदम रखना शुरू कर दिया है। प्रोफेसर और अन्य फैकल्टी के वेतन वृद्धि का समय चल रहा है, इसमें किसी तरह के सवाल खड़े न हो सकें, उसके लिए उनकी परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। अब तक इसमें 40 फीसद प्रोफेसर फेल हो गए हैं। उन्हें नोटिस जारी किया गया है। फेल हुए प्रोफेसरों को तीन महीने का समय दिया गया है। निदेशकों और डीन की बनी कमेटी प्रोफेसरों की परीक्षा ले रही हैं। उन्हें साल भर में किए गए प्रोजेक्ट, शोध कार्यों के बारे में सवाल जवाब किए जा रहे हैं।

अब तक कृषि, होमसाइंस, एग्रोनामी, शाकभाजी, मृदा संरक्षण आदि विभागों के प्रोफेसरों को प्रेजेंटेशन (प्रस्तुतिकरण) देने के लिए कहा गया। उन्होंने छात्रों को कैसे पढ़ाया गया, किस तरह से प्रैक्टिकल लिए, इसके सवाल किए गए। प्रेजेंटेशन में 40 फीसद फैकल्टी कुछ भी बता नहीं सके हैं। विश्वविद्यालय के बड़े अधिकारी ने बताया कि बेहतर प्रदर्शन पर ही उनको वेतन वृद्धि की संस्तुति की जाएगी। उनको तीन महीने का समय दिया गया है। उसके बाद फिर परीक्षा आयोजित की जाएगी।

कई प्रोफेसरों को मिली छूट : प्रजेंटेशन से कई प्रोफेसरों को छूट मिल गई है, जिसको लेकर विश्वविद्यालय के अन्य फैकल्टी में नाराजगी है। कुछ प्रोफेसर तो निदेशक कार्यालय के हैं, उनसे अधिक सवाल जवाब नहीं किया गया।

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