कानपुर में लाजिस्टिक पार्क के लिए आठ सौ किसानों में बंटेगा 150 करोड़ रुपये, अगले सप्ताह से देने की तैयारी
कानपुर के सरसौल में बन रहे लाजिस्टिक पार्क के लिए 65 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की गई थी जिसमें आठ सौ किसानों को करीब 150 करोड़ रुपये दिए जाने हैं। प्रशासन ने अगले सप्ताह से मुआवजा बांटने की तैयारी की।
कानपुर, जेएनएन। डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर (डीएफसी) के लिए जमीन देने के बाद मुआवजा की आस देख रहे किसानों का इंतजार अब खत्म होने वाला है। डीएफसी ने इसके लिए प्रशासन को पैसा दे दिया है। जिन किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई थी उन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं। सब ठीक रहा तो अगले सप्ताह से पैसा बांटने का काम शुरू हो जाएगा।
पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल के दनकुनी तक 1856 किमी लंबे डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर का निर्माण चल रहा है। यह सात हिस्सों में बनाया जा रहा है, जिसमें दो हिस्से खुर्जा से भाऊपुर और भाऊपुर से प्रयागराज तक कानपुर से जुड़े हैं। खुर्जा भाऊपुर का रूट काफी पहले शुरू किया जा चुका है जबकि दूसरे हिस्से को दिसंबर तक पूरा कर जनवरी से शुरू किया जाना है। छह सौ किमी लंबे इस रूट पर व्यापारियों को माल की लोडिंग अनलोडिंग की सुविधा देने के लिए डीएफसी सरसौल में लाजिस्टिक पार्क का निर्माण करा रहा है। इसके लिए यहां 65 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया था।
डीएफसी अधिकारियों के मुताबिक पिछले सवा साल कोविड संक्रमण में ही गुजर गए, जिसके चलते मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी। यहां आठ सौ किसानों से जमीन अधिग्रहीत की गई थी, जिन्हें करीब 150 करोड़ का मुआवजा देने की शुरुआत अगले सप्ताह से की जाएगी।
रूट शुरू होते ही जरूरी होगा लाजिस्टिक पार्क
खुर्जा से प्रयागराज के बीच करीब छह सौ किमी लंबे रूट पर डीएफसी सरसौल में ही लाजिस्टिक पार्क बना रहा है। रूट शुरू होने के साथ ही इस लाजिस्टिक पार्क की मांग बढ़ जाएगी। यदि लाजिस्टिक पार्क समय से बनकर तैयार नहीं हुआ तो खुर्जा से प्रयागराज के बीच माल मंगाने व भेजने वाले व्यापारी लोडिंग अनलोडिंग की सुविधा के बिना डीएफसी में रुचि नहीं लेंगे।
-लाजिस्टिक पार्क के लिए जिला प्रशासन को पैसा दे दिया गया है। ग्रामीणों को मुआवजा के लिए नोटिस दी जा रही है। 10-12 दिनों में मुआवजा वितरण शुरू हो जाएगा। -राजेश अग्रवाल, प्रबंधक डीएफसी