कानपुर में जेईई की परीक्षा न होने से यूपीटीटीआइ में छात्रों के प्रवेश पर संकट, जानिए क्या कहते हैं पूर्व निदेशक

पूर्व निदेशक डा.मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि संस्थान में चार पाठ्यक्रमों- टेक्सटाइल इंजीनियरिंग टेक्सटाइल केमेस्ट्री टेक्सटाइल टेक्नोलाजी व मैन मेड फाइबर टेक्नोलाजी की पढ़ाई होती है। जल्द ही संस्थान में शिक्षकों के खाली पड़े सात पदों को भी भरने की दिशा में कवायद शुरू हो गई है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 05:47 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 05:47 PM (IST)
कानपुर में जेईई की परीक्षा न होने से यूपीटीटीआइ में छात्रों के प्रवेश पर संकट, जानिए क्या कहते हैं पूर्व निदेशक
यूपीटीटीआइ में प्रवेश से संबंधित खबर की प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते एक ओर जहां जेईई की परीक्षा नहीं हो पा रही है, वहीं दूसरी ओर इस कारण से उप्र वस्त्र एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (यूपीटीटीआइ) में छात्रों के प्रवेश पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। संस्थान के पूर्व निदेशक का कहना है, कि आधा जून बीत चुका है और छात्रों के दाखिले को लेकर संस्थान में किसी तरह की कार्ययोजना नहीं बन पा रही है। बोले, जब तक जेईई की परीक्षा नहीं होगी तब तक प्रवेश हो पाना बेहद मुश्किल है। दरअसल हर साल जब यूपीएसईई की परीक्षा होती थी, तो पूरे प्रदेश से लगभग 250 से 300 छात्र संस्थान में एकेटीयू की ओर से होने वाली काउंसिलिंग के आधार पर प्रवेश लेते थे। हालांकि, इस सत्र में कोरोना की दूसरी और घातक लहर के चलते अभी तक जेईई की परीक्षा पर जब कोई फैसला नहीं हुआ तो संस्थान के प्रशासनिक अफसर छात्रों के प्रवेश को लेकर अब बेहद चिंतित हो गए हैं।

चार पाठ्यक्रमों की होती है पढ़ाई: पूर्व निदेशक डा.मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि संस्थान में चार पाठ्यक्रमों- टेक्सटाइल इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल केमेस्ट्री, टेक्सटाइल टेक्नोलाजी व मैन मेड फाइबर टेक्नोलाजी की पढ़ाई होती है। जल्द ही संस्थान में शिक्षकों के खाली पड़े सात पदों को भी भरने की दिशा में कवायद शुरू हो गई है। वैसे तो शिक्षकों के यहां कुल 27 पद हैं, हालांकि काफी समय से सात पद रिक्त थे, जिन्हें इस सत्र की शुरुआत से पहले भर दिया जाएगा।

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