फिजीशियन और चेस्ट रोग विशेषज्ञ बिना खुलेंगे कोविड हॉस्पिटल, आज से बिल्हौर-घाटमपुर में भी भर्ती होंगे मरीज

कोविड हॉस्पिटल बनाए जाने पर बिल्हौर और घाटमपुर के सीएचसी प्रभारी बोले अभी सभी सुविधाएं पूरी नहीं हो सकी हैं। इन अस्पतालों में 50-50 बेड की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 07:53 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:53 AM (IST)
फिजीशियन और चेस्ट रोग विशेषज्ञ बिना खुलेंगे कोविड हॉस्पिटल, आज से बिल्हौर-घाटमपुर में भी भर्ती होंगे मरीज
गांवों में दो सीएचसी बनेंगी कोविड हॉस्पिटल।

कानपुर, जेएनएन। घाटमपुर और बिल्हौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को कोविड अस्पताल का दर्जा दे दिया गया है, लेकिन वह सुविधाएं वहां उपलब्ध ही नहीं कराई गई हैं जो एक कोविड के लेवल वन प्लस हॉस्पिटल में होनी चाहिए। इन अस्पतालों में न तो फिजीशियन हैं और न ही चेस्ट रोग विशेषज्ञ, ऐसे में वहां कोरोना संक्रमितों का उपचार तो भगवान भरोसे ही होगा। उधर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों में ही तालमेल की कमी नजर आ रही है। सीएमओ जहां मंगलवार से उपचार शुरू होने की बात कर रहे हैं तो दोनों ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी अभी इंतजार करने की बात कह रहे हैं।

गांवों में खांसी, बुखार और जुकाम के मरीजों की बड़े पैमाने पर हुई मौतों के बाद शासन ने हर जनपद में दो-दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड अस्पताल का दर्जा देने का आदेश दिया। इन अस्पतालों को लेवल वन प्लस श्रेणी में रखते हुए 50- 50 बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। हालांकि बिल्हौर में 30 और घाटमपुर में अभी 35 बेड हैं। जल्द ही वहां बेड की संख्या बढ़ जाएगी। इन अस्पतालों में ऑक्सीजन सिङ्क्षलडर भी पर्याप्त हैं और वहां कंसंट्रेटर भी उपलब्ध कराए जाने हैं।

फिलहाल एक-एक कंसंट्रेटर उपलब्ध करा दिए गए हैं, लेकिन वहां किसी फिजीशियन और चेस्ट रोड विशेषज्ञ की तैनाती नहीं की गई है। ऐसे में सवाल यह है कि कोरोना संक्रमितों का उपचार कौन करेगा। अगर वहां उनका पद रिक्त है तो वहां पर दूसरे अस्पतालों से तैनाती तो की जा सकती है, लेकिन शायद इस विषय पर अफसरों ने अभी तक कुछ सोचा ही नहीं है क्योंकि उनके पास इसके तर्क हैं। वे यह मानते हैं कि यहां तो वे मरीज भर्ती होंगे जिनके घरों में शौचालय की कमी होगी या रहने का अभाव होगा, जबकि मुख्यमंत्री के आदेश पर तो वहां ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है ताकि मरीजों का बेहतर उपचार हो सके। जब आइसीयू में रखने की स्थिति हो तब उन्हें वहां से रेफर किया जाए।

दोनों अस्पतालों में एक-एक आक्सीजन कंसंट्रेटर भेज दिया गया है, जबकि वहां जरूरत अभी और है। यही वजह है कि बिल्हौर के सीएचसी प्रभारी डॉ. अरङ्क्षवद भूषण ने तो मंगलवार से उपचार शुरू करने से असमर्थता जाहिर की है। वहीं घाटमपुर सीएचसी के प्रभारी डॉ. कैलाश चंद्र वर्मा भी मंगलवार से मरीजों को भर्ती करने से इन्कार कर रहे हैं। उनका कहना है कि अभी कोई आदेश ही नहीं आया, जबकि सीएमओ डॉ. नेपाल ङ्क्षसह का कहना है कि मंगलवार से ही अस्पतालों में कोविड के मरीज भर्ती किए जाएंगे।

चेस्ट रोग विशेषज्ञ और फिजीशियन की आवश्यकता नहीं है। इन अस्पतालों में तो वे मरीज भर्ती किए जाएंगे जिनके घरों में शौचालय की समस्या है या रहने की दिक्कत है। थोड़ा बहुत आक्सीजन तो वहां दी जाएगी, लेकिन स्थिति ठीक नहीं होने पर उन्हें हैलट या कांशीराम अस्पताल में रेफर किया जाएगा। मंगलवार से ही वहां उपचार शुरू होगा। -डॉ. नेपाल सिंह, सीएमओ
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