कानपुर में दो साल की बच्ची पर वैक्सीन का ट्रायल, एक घंटे की निगरानी में नहीं दिखा साइड इफेक्ट

कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च जल्द बच्चों के लिए वैक्सीन लाने का प्रयास कर रहा है। अब स्वदेसी कोवैक्सीन का दो से छह साल के बीच के बच्चों पर ट्रायल चल रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 07:51 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 07:51 AM (IST)
कानपुर में दो साल की बच्ची पर वैक्सीन का ट्रायल, एक घंटे की निगरानी में नहीं दिखा साइड इफेक्ट
कानपुर में बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर में छोटे बच्चों पर सर्वाधिक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) बच्चों की वैक्सीन जल्द से जल्द लाने की तैयारी में जुटा है। प्रदेश के कानपुर समेत देश के छह स्थानों पर 02-06 वर्ष की उम्र के बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल बुधवार को शुरू किया गया। शहर के आर्यनगर स्थित प्रखर हास्पिटल में सूबे की सबसे छोटी 2 वर्ष 8 माह की वालंटियर को वैक्सीन लगाई गई। पहले दिन पांच बच्चों को वैक्सीन लगाई गई। अब उन्हें दूसरी डोज 28 दिन बाद लगाई जाएगी।

शहर के प्रखर हास्पिटल में बच्चों के कोवैक्सीन के फेज-टू के क्लीनिक ट्रायल के लिए छोटे बच्चों की स्क्रीनिंग प्रो. वीएन त्रिपाठी एवं डा. अमित चावला ने की। स्क्रीनिंग में 20 बच्चे लिए गए थे, जिसमें से पांच बच्चे ही बतौर वालंटियर्स शामिल करने के लिए फिट पाए गए। उनमें दो बच्चियां और तीन बच्चे शामिल हैं। सबसे कम उम्र की बच्ची दो वर्ष आठ माह की है, जबकि सबसे बड़ा बच्चा पांच वर्ष का है। इनमें तीन बच्चे कानपुर नगर जिले के हैं, जबकि दो कानपुर देहात के हैं। बच्चों के वैक्सीनेशन के गाइड डा. वीएन त्रिपाठी और उनके सहयोगी डा. अमित चावला ने पांचों वालंटियर्स को .5-.5 एमएल की डोज कंधे और बांह के बीच त्वचा के नीचे लगाई। इसके बाद सभी को एक घंटे तक निगरानी में रखा गया, लेकिन किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई। सभी बच्चे खेलते और कूदते रहे।

स्क्रीनिंग में यह देखा गया : कोरोना का संक्रमण और कोई बीमारी तो नहीं, किसी प्रकार की एलर्जी, सिर से पांव तक परीक्षण, लिवर, किडनी, कोरोना की एंटीबाडी के साथ आरटीपीसीआर जांच। -पहले दिन तीन बच्चे और दो बच्चियों पर वैक्सीन का ट्रायल किया गया। वैक्सीन ट्रायल में बैंक अधिकारी, व्यापारी और निजी मेडिकल कालेज के प्रोफेसर के बच्चे शामिल हुए। वैक्सीन लगाने के बाद किसी में कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया। -प्रो. जेएस कुशवाहा, चीफ गाइड, वैक्सीन ट्रायल, प्रखर हास्पिटल।

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