बेहमई कांड : केस डायरी न मिल पाने से फिर टला फैसला, अब 30 को होगी सुनवाई Kanpur News
पत्रावली में मूल केस डायरी उपलब्ध न होने से 18 को टल गया था फैसला सत्र लिपिक को नोटिस दे 24 तक आख्या प्रेषित करने का दिया गया था समय।
कानपुर, जेएनएन। 39 साल पहले हुए बेहमई नरसंहार मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद केस डायरी न मिलने के कारण कोर्ट ने नई तारीख दे दी। अब 30 जनवरी को केस डायरी को लेकर सुनवाई होगी। अदालत ने पुलिस के एंटी डकैती सेल को निर्देश दिए कि वह मूल केस डायरी को कोर्ट में पेश करे। शासकीय अधिवक्ता राजू पोरवाल ने बताया कि केस डायरी न मिल पाने के कारण केस में देरी हो रही है।
फूलन देवी ने साथियों के साथ किया था नरसंहार
14 फरवरी 1981 को सिकंदरा थाना क्षेत्र के बेहमई गांव में दस्यु सुंदरी फूलन देवी, मुस्तकीम, राम औतार व लल्लू गैंग में शामिल 35-36 लोगों ने ग्रामीणों को एक लाइन में खड़ाकर गोलियां चलाई थीं। इसमें 20 लोगों को मौत हो गई थी जबकि 6 लोग घायल हो गए थे। वादी राजाराम ने मुकदमा दर्ज कराया था। 24 अगस्त 2012 में पांच अभियुक्तों भीखा, पोसे उर्फ पोसा, विश्वनाथ उर्फ पुतानी उर्फ कृष्ण स्वरूप, श्याम बाबू व राम सिंह के खिलाफ आरोप तय होने पर न्यायालय में ट्रायल शुरू हुआ था। पांचों आरोपितों में से पोसा व राम ङ्क्षसह को जेल भेजा गया था, जिसमें 13 फरवरी 2019 को जिला कारागार में राम सिंह को मौत हो गई थी। वहीं भीखा, विश्वनाथ उर्फ पुतानी उर्फ कृष्ण स्वरूप व श्याम बाबू जमानत पर हैं।
पत्रावली में नहीं थी मूल केस डायरी
न्यायालय ने केस की सुनवाई पूरी होने के बाद 18 जनवरी को फैसले की तिथि घोषित की थी, लेकिन पत्रावली में मूल केस डायरी न होने से फैसला टल गया था। न्यायालय ने मूल केस डायरी उपलब्ध कराने के लेकर सत्र लिपिक को नोटिस जारी किया था। साथ ही 24 जनवरी तक आख्या प्रेषित करने का समय दिया था पर शुक्रवार को केस डायरी की जानकारी न होने के कारण अब 30 जनवरी को फिर सुनवाई होगी।