महोबा में दुष्कर्म के आरोपित को 12 वर्ष का सश्रम कारावास, तीन वर्ष पूर्व दरिंदगी को दिया था अंजाम

विशेष लोक अभियोजक पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि शहर के एक मोहल्ला निवासी ने कोतवाली में तहरीर दी थी। बताया था कि 23 अगस्त 2018 को समय करीब आठ बजे सुबह उसकी 16 वर्षीय पुत्री घर से रामकथा मार्ग स्थित बालिका विद्यालय में पढ़ने गई थी।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 05:36 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 05:36 PM (IST)
महोबा में दुष्कर्म के आरोपित को 12 वर्ष का सश्रम कारावास, तीन वर्ष पूर्व दरिंदगी को दिया था अंजाम
महोबा में दुष्कर्म के मामले में कोर्ट के फैसले से संबंधित प्रतीकात्मक तस्वीर।

महोबा, जेएनएन। जनपद में तीन साल पहले हुए दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। दरअसल, विद्यालय गई 11वीं की छात्रा को अभियुक्त बहला फुसलाकर भगा ले गया था और इसके बाद दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। मामले में सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश, पाॅक्सो अधिनियम संतोष कुमार यादव ने अपना निर्णय सुनाया। अभियुक्त को 12 वर्ष के सश्रम कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

ये है पूरा मामला: विशेष लोक अभियोजक पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि शहर के एक मोहल्ला निवासी ने कोतवाली में तहरीर दी थी। बताया था कि 23 अगस्त 2018 को समय करीब आठ बजे सुबह उसकी 16 वर्षीय पुत्री घर से रामकथा मार्ग स्थित बालिका विद्यालय में पढ़ने गई थी। जो वापस घर लौटकर नहीं आई। काफी खोजा गया लेकिन उसका पता नहीं चल सका। उसकी पुत्री को दीपेंद्र सिंह पुत्र कृपाल सिंह निवासी बिंवार हमीरपुर जो टाटा एजेंसी कबरई में काम करता है, बहला फुसलाकर ले गया। उसकी तहरीर पर पुलिस ने दीपेंद्र सिंह के विरुद्ध 24 अगस्त को मुकदमा दर्ज किया। बाद में अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया और पीड़िता के बयान के बाद दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में बढ़ोतरी की गई। 17 दिसंबर 2018 को न्यायालय ने अभियुक्त के विरुद्ध आरोप पत्र विचरित किया। जिसमें सामने आया कि अभियुक्त द्वारा पीड़िता को कई स्थानों पर ले जाया गया और दुष्कर्म किया गया। मामला न्यायालय में पहुंचा और अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश, पाक्सो अधिनियम संतोष कुमार यादव ने अपना फैसला सुनाया। विशेष लोक अभियोजक पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि अभियुक्त दीपेंद्र सिंह को 12 साल के सश्रम कारावास, 31 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई है। अर्थदंड की अदायगी न हाेने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

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