बिधनू में अनोखी शादी की पहल, वर-वधू का मुस्लिम लिबास और हिंदू रिवाज Kanpur News

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में वैदिक मंत्रों के बीच एक दूजे को वरमाला डालने के बाद निकाह पढ़ा गया।

By AbhishekEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 04:08 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 04:14 PM (IST)
बिधनू में अनोखी शादी की पहल, वर-वधू का मुस्लिम लिबास और हिंदू रिवाज Kanpur News
बिधनू में अनोखी शादी की पहल, वर-वधू का मुस्लिम लिबास और हिंदू रिवाज Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। बिधनू कठेरुआ गांव के गेस्टहाउस में गुरुवार को विवाह की अनोखी परंपरा का निर्वहन किया गया। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के अंतर्गत मुस्लिम लिबाज में वर-वधू ने वैदिक मंत्रों के बीच हिंदू रिवाज से वरमाला डाला और फिर उनका निकाह पढ़ा गया। समारोह में मौजूद दोनों समुदाय के लोग साक्षी बने और तालियां बजाकर नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया। हिंदू-मुस्लिम एकता को संदेश देती इस शादी की चर्चा पूरे शहर में रही।

शहर में बिधनू ब्लाक के कठेरुआ गांव में गुरुवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। इसमें भीतरगांव, पतारा, घाटमपुर और बिधनू ब्लाक से 228 जोड़े शामिल हुए। इसमें छह जोड़े मुस्लिम और 222 हिंदू जोड़ों के विवाह संपन्न हुए। एक ही पंडाल के नीचे एक तरफ आचार्य वैदिक मंत्रों के बीच हिंदू वर वधू का विवाह करा रहे थे। वहीं दूसरी ओर मौलवी मुस्लिम जोड़ों का निकाह पढ़वा रहे थे और वर-वधू कबूल है बोल रहे थे। इन सभी के बीच पलरा गांव के नईम खां की साजिदा और ऐंती गांव के शमसाद की किश्मतन ने शादी की अनूठी रस्म निभाई।

दोनों जोड़े मुस्लिम लिबास पहनकर पंडाल में पहुंचे। पहले दोनों जोड़ों ने एक दूसरे को हिंदू रीती रिवाज से मंत्रों के बीच वरमाला पहनाकर विवाह किया। इसके बाद उनका निकाह भी पढ़ा गया। उनकी इस पहल को देखकर दोनों समुदाय के लोग भी अभिभूत हो गए। सभी ने एक साथ दोनों जोड़ों को आशीर्वाद दिया। इस तरह से शादी करने पर नव विवाहित जोड़ों ने कहा कि उन्होंने हिंदुस्तान में जन्म लिया है, वह हिंदू या मुस्लिम नहीं पहले एक इंसान हैं। कहा, जब हम हिंदू, मुस्लिम सिख, ईसाई सभी भाई भाई की बात करते हैं तो एक दूसरे के रिवाज अपनाने में क्या गलत है।

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