हज पर भी कोरोना का असर, कानपुर में एक चौथाई रह गए यात्रा के आवेदन

कोरोना व नियमों में बदलाव के कारण हज यात्रा के लिए आवेदन कम आए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 21892 आवेदन कम हुए हैं। इसकी वजह हज यात्रा मंहगी होना भी है और कोरोना के कारण मायूसी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 06:51 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 06:51 AM (IST)
हज पर भी कोरोना का असर, कानपुर में एक चौथाई रह गए यात्रा के आवेदन
कानपुर में हज यात्रा पर जाने वालों में कमी आई है।

कानपुर, जेएनएन। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष हज यात्रा के लिए 21892 आवेदन कम हुए हैं। हज यात्रा के लिए कोटे से मात्र एक चौथाई आवेदन होने का कारण कोरोना संक्रमण, महंगी हुई यात्रा व हज के नियमों में बदलाव को माना जा रहा है। बिना महरम हज पर जाने के लिए शहर से एक भी महिला नहीं है।

पिछले वर्ष कोरोना की वजह से हज यात्रा स्थगित कर दी गई थी। इस वर्ष जुलाई में होने वाले हज पर भी कोरोना का असर दिखाई दे रहा है। दिसंबर में कोरोना की वजह से सऊदी अरब ने उमरा पर प्रतिबंध लगा दिया था और दो सप्ताह तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रोक दी थी। हज यात्रा की फार्म भरने की अंतिम तिथि 10 जनवरी निर्धारित थी। अंतिम तिथि तक 6235 आवेदन हुए हैं। कोरोना से पहले प्रदेश मे 28000 से 52000 तक आवेदन हो चुके हैं।

ऐसे बढ़ा हज यात्रा का खर्च

वर्ष 2021 में अजीजिया श्रेणी से हज का खर्च 344133 रुपये निर्धारित किया गया है। वर्ष 2020 में हज पर भारत से कोई नहीं गया। वर्ष 2019 में अजीजिया श्रेणी से हज का खर्च 253800 रुपये तथा ग्रीन श्रेणी से 290850 रुपये था। वर्ष 2018 में अजीजिया श्रेणी से 225950 रुपये तथा ग्रीन श्रेणी से 260100 रुपये हज करने पर खर्च आया। वर्ष 2017 में अजीजिया श्रेणी से 202950 रुपये तथा ग्रीन श्रेणी से 236350 रुपये का खर्च आया था।

वर्ष आवेदन कोटा

2020- 28127- 32237

2019-34379- 30237

2018- 42914- 29851

2017- 51375- 29017

इनकी भी सुनिए कोरोना व मंहगाई की वजह से हज यात्रा के लिए आवेदन कम आए हैं। हज पर जाने के लिए 18 से 65 वर्ष की बाध्यता का भी इस पर असर पड़ा है। - शारिक अलवी, मास्टर हज ट्रेनर हज का किराया अधिक हो गया। हज यात्रा के लिए दिन कम कर दिए गए हैं। जायरीन को निश्शुल्क मिलने वाले वीजा के लिए 6000रुपये तथा बीमा प्रीमियम के लिए 2600 रुपये भी देने होंगे। इससे आवेदन में कमी आई है। - हाजी नईमुद्दीन सिद्दकी, अध्यक्ष, तंजीम खुद्दाम हज कमेटी  

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