Covid Vaccination In Kanpur: सुरक्षा कवच अपनाने में घाटमपुर वाले फिसड्डी और बाहरी हैं अव्वल

कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर क्षेत्रीय लोग भ्रमित और डर रहे हैं वहीं युवाओं में उदासीनता के कारण वैक्सीनेशन का लक्ष्य पाना मुश्किल दिख रहा है। घाटमपुर और अासपास क्षेत्र में वैक्सीनेशन के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 11:58 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 11:58 AM (IST)
Covid Vaccination In Kanpur: सुरक्षा कवच अपनाने में घाटमपुर वाले फिसड्डी और बाहरी हैं अव्वल
कानपुर के ग्रामीण में वैक्सीनेशन को लेकर उदासीनता है।

कानपुर, [उदयन शुक्ला (घाटमपुर)]। घाटमपुर कस्बा और आसपास क्षेत्रों में कोरोना वैक्सीन को लेकर अब तक ग्रामीण भ्रमित और डरे हुए हैं। यही वजह है कि 10 मई से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 18-44 साल की उम्र के लोगों को वैक्सीन की डोज लगनी शुरू हुई, लेकिन महज पांच से छह फीसद ही घाटमपुर इलाके लोगों ने वैक्सीनेशन कराया है। करीब 95 फीसद लोग शहरी क्षेत्र से यहां वैक्सीन लगवाने आ रहे हैं। यही हाल पतारा और भीतरगांव में भी है। घाटमपुर सीएचसी अधीक्षक डॉ. कैलाश चंद्रा ने बताया कि क्षेत्रीय लोग वैक्सीन लगवाने में पीछे हैं। 16 मई को 18-44 साल के युवाओं का वैक्सीनेशन नहीं हो सका। युवाओं में उदासीनता के कारण वैक्सीनेशन का लक्ष्य पाना मुश्किल लग रहा है।

घाटमपुर सीएचसी में 10 से 16 मई तक वैक्सीनेशन

तारीख, वैक्सीन लगवाई, क्षेत्रीय, बाहरी

10 170 05 165

11 158 08 150

12 127 06 121

13 144 04 140

14 127 05, 122

15 155 05 150

17 152 12 140

पतारा व भीतरगांव में भी यही स्थिति : सोमवार से पतारा व भीतरगांव सीएचसी में 18 से 44 की उम्र वालों का वैक्सीनेशन शुरू हुआ है। पतारा में 172 लोगों में वैक्सीन लगवाने 100 से ज्यादा कानपुर के थे। भीतरगांव में 138 लोगों में 75 फीसद से ज्यादा कानपुर के रहे।

शहरों में सेंटर फुल : किसी भी सीएचसी में 18 से 44 साल के युवाओं को वैक्सीन लगना तभी शुरू होगी, जब 200 आवेदन आ जाएंगे। शहरों में ज्यादातर सेंटर फुल हैं। वहां लंबे इंतजार से बचने को शहरी ग्रामीण क्षेत्र की तरफ भाग रहे हैं।

परास और भदरस से खाली हाथ लौटी टीमें : घाटमपुर सीएचसी अधीक्षक ने बताया कि परास और भदरस में कोरोना संक्रमण ज्यादा फैलने के कारण दो बार कैंप लगाए गए। ग्रामीणों ने वैक्सीनेशन नहीं कराया। दोनों बार वैक्सीन का डिब्बा तक नहीं खुल सका। परास में सात मई और 12 मई को कैंप लगा था। मतदान से पहले दोनों गावों में लोगों ने वैक्सीनेशन कराया था। अचानक अफवाह फैलने के बाद से लोग डरे हैं। पहली डोज वाले दूसरी डोज लगवाने नहीं आ रहे हैं। -कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने को है। तीसरी लहर से पहले बचाव करने का समय है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीनेशन कराकर अपने आपको सुरक्षित कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का वैक्सीन नहीं लगवाना चिंताजनक है। वैक्सीन को लेकर सिर्फ अफवाहें हैं। वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित व कारगर है। -डॉ. कैलाश चंद्रा, अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घाटमपुर।

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