Coronavirus News: गिलोय, चिरायता, अश्वगंधा की कीमतों में उछाल, जानिए- कानपुर में क्या हैं इसके रेट
कोरोना संक्रमण के बढ़ने के साथ आयुर्वेदिक उपचार के क्रम में गिलोय चिरायता और अश्वगंधा जैसी जड़ी बूटी के दामों में भी जबरदस्त इजाफा देखने को मिल रहा है। अप्रैल और मई में दाम डेढ़ गुना तक बढ़ गए हैं।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते केस की वजह से शहर में होली के बाद गिलोय, चिरायता, अश्वगंधा की मांग में जबरदस्त वृद्धि हुई। नयागंज की थोक दुकानों में इनकी मांग दोगुनी तक हो गई। इसकी वजह से इनकी कीमतों में भी तेजी आई। गिलोय में कीमतें 70 फीसद तक बढ़ चुकी हैं वहीं बुखार में इस्तेमाल किया जाने वाले चिरायता में 60 फीसद तक का उछाल आया है। अश्वगंधा में भी 30 फीसद तो दालचीनी में 20 से 25 फीसद तक कीमतें बढ़ी हैं। कारोबारियों के मुताबिक जिन मसालों से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, उनके मांग इस समय खूब है।
पिछले वर्ष भी कोरोना काल के दौरान काढ़ा बनाने वाली जड़ी बूटियों की बिक्री बहुत अधिक हुई थी। सभी काढ़ा बनाने के लिए इन जड़ी बूटियों को इस्तेमाल कर रहे थे। घरों में तो इसका इस्तेमाल हो ही रहा था। काढ़ा बनाने वाले दुकानदार भी इनकी थोक में खरीदारी कर रहे थे। अब इस वर्ष भी वही स्थिति है। होली के पहले जो बिक्री सन्नाटे में थी क्योंकि ये जड़ी बूटियां गर्मियों में नहीं बिकती, उसके बाद भी अप्रैल में जैसे ही कोरोना का संक्रमण बढ़ा, एकदम से फिर बिक्री तेज हो गई।
प्रमुख जड़ी बूटी व मसालों की कीमत
वस्तु -अप्रैल -मई
अश्वगंधा : 425 : 550
गिलोय : 55 : 90-100
चिरायता : 50 : 75-80
दालचीनी : 205-210 : 245-250
लौंग : 525 : 540-545
अजवाइन : 140 : 155-160
(नोट : सभी कीमतें प्रति किलो के हिसाब से हैं।) अप्रैल की शुरुआत में जब कोरोना के मामले बढ़ने शुरू हुए तो बाजार में अश्वगंधा, गिलोय, चिरायता की मांग तेजी से बढ़ी। जिस दुकान में एक-एक बोरी ये बूटियां बिकती थीं, वे दो बोरी रोज बिकने लगीं। इसकी वजह से ही कीमतें बहुत अधिक बढ़ गईं। -अवधेश बाजपेई, अध्यक्ष, कानपुर किराना मर्चेंट एसोसिएशन।