Corona Symptoms: सिर और रीढ़ की हड्डी के दर्द को न करें नजरअंदाज, अब दिमाग पर हमला कर रहा कोरोना

Coronavirus Symptoms कानपुर शहर में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच अब दो ऐसे नए प्रकार के मामले सामने आए हैं। जो कि शरीर में कोरोना संक्रमण होने की पुष्टि कर रहे हैं। पहला मामला बर्रा और दूसरा बिरहाना रोड के युवक में परिलक्षित हुआ है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 09:52 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 09:52 AM (IST)
Corona Symptoms: सिर और रीढ़ की हड्डी के दर्द को न करें नजरअंदाज, अब दिमाग पर हमला कर रहा कोरोना
आइआइटी के विशेषज्ञों से भी मदद ली जा सकती है।

कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। Coronavirus Symptoms कोरोना वायरस ने नाक, कान, गला, फेफड़ा, दिल के बाद अब दिमाग पर भी हमला करना शुरू कर दिया है। हैलट अस्पताल के न्यूरो साइंस कोविड अस्पताल में अब तक इस तरह के तीन रोगी आ चुके हैं। उनके दिमाग पर संक्रमण का असर हुआ। मरीजों के चेहरे, गाल, होंठ पर झनझनाहट का असर हुआ, जबकि हाथ-पैरों में ऐंठन जैसे लक्षण मिले। डॉक्टरों ने उनका सीटी स्कैन कराया, तब समस्या पता चली। तीनों रोगियों की उम्र 40 साल से कम हैं। कुछ रोगियों में पेशाब ज्यादा आने की समस्या मिली है। उनमें ङ्क्षसड्रोम ऑफ इनअप्रोप्रिएट एंटीड्यूरेटिक हार्माेन सिक्रेशन (एसआइएडीएच) पाया गया। इसकी वजह से ब्रेन (दिमाग) से एंटीड्यूरेटिकहार्माेन ज्यादा मात्रा में उत्सर्जित होने लगता है। अस्पताल के विशेषज्ञों ने लोगों को ऐसे लक्षण दिखने पर कोरोना जांच अवश्य कराने को कहा है, साथ ही मरीजों पर शोध करने की तैयारी भी की है।

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न्यूरो साइंस कोविड अस्पताल के नोडल अधिकारी प्रो. प्रेम सिंह के मुताबिक कोरोना का वायरस खून में मिलकर दिमाग तक पहुंच रहा है। यह दिमाग की महीन सी झिल्ली को तोड़कर नसों तक पहुंचने में कामयाब होने लगा है। वायरस के नसों तक पहुंचते ही रोगी को स्ट्रोक, फेसियल न्यूरोपैथी, भूलने की बीमारी जैसे लक्षण होने लगता है। फेसियल न्यूरोपैथी में रोगी को चेहरे के आंशिक लकवे की समस्या हो जाती है। यह समस्या युवाओं में ज्यादा मिल रही है। डॉक्टरों टीम इस विषय पर शोध के लिए जुट गई है। आइआइटी के विशेषज्ञों से भी मदद ली जा सकती है।

अब तक दो मामले आए सामने

केस एक: बर्रा के 37 वर्षीय युवक के सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी में तेज दर्द हुआ। उसने तीन से चार दिन तक दर्द की दवा खाई, लेकिन आराम नहीं मिला। तीन से चार दिन बाद हल्का सा बुखार आया। चेहरे पर लकवा मारने जैसे लक्षण नजर आए। स्वजन उसे हैलट अस्पताल लाए, जहां कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। उसका इलाज चल रहा है। केस दो: बिरहाना रोड के 33 साल के युवक सात-आठ दिन पहले हैलट के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसे बार बार पेशाब जाने की समस्या हो गई। उसे रात में नींद भी नहीं आ रही है। डॉक्टरों ने जांच की तो न्यूरो की समस्या मिली। उसका इलाज शुरू हो गया है।

ऐसे करें बचाव

डॉ. सिंह का कहना है कि मास्क लगाकर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना चाहिए। अगर ऐसा कोई लक्षण हो तो तत्काल जांच कराकर इलाज कराना चाहिए।

आइसीयू की मशीनों से परेशानी: इंसेटिव केयर यूनिट (आइसीयू) में वेंटीलेटर समेत कई तरह के मशीनों के मॉनीटर लगाए गए हैं, जिनसे कुछ कुछ देर के अंतराल में आवाज आती रहती है। कुछ मरीजों को यह आवाज परेशान कर रही है। उनकी एकाग्रता नहीं बन रही हे। नींद न आने जैसी दिक्कतें हो रही हैं। कुछ मरीजों को रात में सोते समय सांस उखडऩे जैसा डर बना है। डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ ऐसे रोगियों की काउंसिङ्क्षलग कर रहे हैं।

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