कोरोना के दूसरे स्ट्रेन से भयभीत हुए अभिभावक, कानपुर में अब तक 10 फीसद बच्चों का हुअा दाखिला

सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर बलविंदर सिंह ने बताया कि हर साल प्री-प्राइमरी से लेकर पांचवीं तक में औसतन 10 हजार बच्चे प्रवेश लेते थे। हालांकि पिछले साल जब कोरोना महामारी आई तो जैैसे-तैसे 40 फीसद यानि चार हजार बच्चों ने प्रवेश लिया।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sat, 24 Apr 2021 10:36 AM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 10:36 AM (IST)
कोरोना के दूसरे स्ट्रेन से भयभीत हुए अभिभावक, कानपुर में अब तक 10 फीसद बच्चों का हुअा दाखिला
कानपुर स्कूलाें में प्रवेश दर पिछले वर्ष की अपेक्षा बहुत कम।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण ने देश-दुनिया के हर क्षेत्र में तो हालात खराब किए ही, स्कूलों में होने वाले प्रवेशों पर भी इसका ग्रहण एक बार फिर से लग गया। इस साल की स्थिति इतनी खराब है, कि अभिभावक नए रूप से बुरी तरह डर गए हैं और स्कूलों की ओर से ऑनलाइन प्रवेश के विकल्प को नहीं चुन रहे। चाहे सीबीएसई स्कूल हों या फिर आइसीएसई, प्री-प्राइमरी से लेकर पांचवीं तक में प्रवेश को लेकर अभिभावक बिल्कुल रुचि नहीं दिखा रहे हैं। स्कूलों की ओर से फीस कम करने की बात भी कही जा रही है, हालांकि अभी माता-पिता पहले की तरह हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। स्कूल संचालकों का कहना है, कि ऐसी ही स्थिति रही है तो आने वाले दिनों में पांचवीं तक के स्कूल बंद हो जाएंगे।

हर साल औसतन 10 हजार बच्चे लेते थे प्रवेश: सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर बलविंदर सिंह ने बताया कि हर साल प्री-प्राइमरी से लेकर पांचवीं तक में औसतन 10 हजार बच्चे प्रवेश लेते थे। हालांकि पिछले साल जब कोरोना महामारी आई तो जैैसे-तैसे 40 फीसद यानि चार हजार बच्चों ने प्रवेश लिया। पर, इस सत्र में तो हालात बहुत बुरे हैं। अभी तक केवल 10 फीसद बच्चों का दाखिला हो पाया है। आगे, क्या होगा? कोई नहीं जानता। पर, जो दशा है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बहुत कम अभिभावक ही अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार होंगे।

chat bot
आपका साथी