डॉक्टर की सलाह के बिना न लें रेमडेसिविर इंजेक्शन, चिकित्सक बोले- मरीज की स्थिति पर तय होती है डोज
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के पूर्व अध्यक्ष व फिजिशियन डॉ. प्रवीण कटियार ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए परेशान मत हों। इसकी डोज के लिए रोगी की पहले स्थिति और रिपोर्ट देखी जाती है। इसका कम या ज्यादा इस्तेमाल नुकसानदेह होता है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना का कहर बढऩे के साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर मारामारी मची है। लोगों को उम्मीद है कि ये इंजेक्शन संक्रमित मरीजों का जीवन बचा लेगा लेकिन चिकित्सक बिना परामर्श इसका इस्तेमाल न करने की सलाह दे रहे हैैं। उनका कहना है कि मरीज की स्थिति के आधार पर ही इसकी डोज तय होती है। इसका कम या ज्यादा इस्तेमाल नुकसानदेह होता है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की पूर्व प्राचार्य डॉ. आरती लालचंदानी कहती हैैं कि रेमडेसिविर एक एंटीवायरल दवा है। ये संक्रमण रोकने में मददगार साबित होती है लेकिन किसी के कहने या देखादेखी में इस्तेमाल नुकसानदेह हो सकता है। इसके लिए बाकायदा चिकित्सकीय निगरानी जरूरी होती है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के पूर्व अध्यक्ष व फिजिशियन डॉ. प्रवीण कटियार ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए परेशान मत हों। इसकी डोज के लिए रोगी की पहले स्थिति और रिपोर्ट देखी जाती है। बिना डॉक्टर के परामर्श पर लेने से इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। कोरोना संक्रमण की पहली लहर में कई रोगियों को दिया गया था, लेकिन यह सभी डॉक्टरों ने उनकी रिपोर्ट और हालत देखकर दिया। कोरोना के संक्रमण होने पर रोगियों के अलग अलग लक्षण मिलते हैं। किसी में लक्षण सामने उभरकर आते हैं, जबकि कुछ में कोई लक्षण नहीं मिलते हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन का डोज डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ मरीज की जांच देखकर करता है। इस बार वायरस का स्ट्रेन बदला है। ऐसे में इंजेक्शन बिना डॉक्टर के लिखे लेना नुकसानदायक हो सकता है। इसी तरह फेबीफ्लू, आइवरमेक्टिन जैसी अन्य दवाओं के पीछे भागने की आवश्यकता नहीं है। यह एंटीबायोटिक हैं। डॉक्टर इसके साथ अन्य दवाएं भी लिखते हैं, जिससे की एंटीबायोटिक का दुष्प्रभाव कम हो जाता है।
दि दवा व्यापार मंडल के महामंत्री प्रवीण बाजपेयी का कहना है कि रेमडेसिविर का इंजेक्शन बिना डॉक्टर के लिखे पर्चे पर देना गलत है। शासन की ओर से मॉनीटरिंग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की ओर से कोविड अस्पतालों को इंजेक्शन दिए जा रहे हैं।