Coronavirus Effect: कोरोना ने बदल दिए हाव-भाव, तनाव और चिंता ने बढ़ाया चिड़चिड़ापन

मौजूदा समय कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है तो हर तरफ चर्चाएं भी तेज हो गई हैं। टीवी से लेकर इंटरनेट मीडिया तक में सिर्फ कोरोना पर ही जोर दिया जा रहा है। ऐसे में तनाव और चिंता ने भी अब अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 08:48 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 08:48 AM (IST)
Coronavirus Effect: कोरोना ने बदल दिए हाव-भाव, तनाव और चिंता ने बढ़ाया चिड़चिड़ापन
हर तरफ सिर्फ कोरोना की हो रही बात।

कानपुर, [आलोक शर्मा]। मौजूदा दौर में कोरोना, कोविड अस्पताल, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के अलावा दूसरी बात ही नहीं हो रहीं हैं। उस पर टीवी, इंटरनेट मीडिया और लोगों की चर्चा में भी बीमारी और मौतों की ही चर्चा रहती है। लगातार कई दिनों से यह परिस्थितियां बरकरार हैं। मौजूदा परिस्थितियां लोगों को डराने लगी हैं। बीमारी का तनाव, जीवन और रोजी-रोटी की चिंता उन पर हावी हो रही है। जिसका असर छोटी-छोटी सी बातों पर विवाद के रूप में सामने आ रहा है। यह दो केस इसकी हकीकत बयां करने के लिए काफी हैं...।

केस-1: कल्याणपुर के आशीष चौहान खाना खा रहे थे। सब्जी में नमक कम हुआ तो पत्नी को काम न आने का उलाहना दिया। पत्नी ने भी जवाब दिया कि घर में ही तो हो आज खुद बना लेते। इतना सुनते ही आशीष का पारा चढ़ गया। इसके बाद दोनों एक-दूसरे पर चीखने और चिल्लाने लगे। स्वजन ने समझाकर बुझाकर दोनों को शांत कराया।

केस-2: रेलबाजार निवासी रिटायर्ड हरिशंकर पाल हर दिन घर के बाहर साफ-सफाई करते हैं। यह उनकी दिनचर्या में शामिल हैं। गुरुवार को सफाई के दौरान न जाने मन में क्या आया कि पड़ोसियों को कूड़ा फेंकने पर नसीहत देने लगे। एक पड़ोसी रमन को नागवार गुजरा तो वह बरस पड़े। जिसके बाद दोनों परिवार आमने-सामने आ गए और जमकर तू-तू मैं-मैं हुई।

घरों पर दिखाई दे रहा तनाव का असर

देश में कोविड संक्रमितों का 3.50 लाख से ज्यादा का आंकड़ा और हर दिन हो रहीं हजारों मौतों की खबर से आम शहरी अनजान नहीं है। इंटरनेट मीडिया हो या टीवी अथवा मोबाइल पर एक दूसरे से होने वाली बातें, सब कोविड से शुरू होती हैं और कोविड पर खत्म हो रही हैं। ऐसे में आम शहरियों में जीवन को लेकर तनाव और चिंता तेजी से बढ़ती जा रही है। इसका असर घरों में भी दिख रहा है।

छोटी-छोटी सी बातों पर चिल्लाना, चीखना और जल्द आपा खो देना जैसे लक्षण विकसित हो रहे हैं। जरा सी बात विवाद के शीर्ष तक पहुंच रही है। यह कोई एक घर की कहानी नहीं बल्कि आज 10 में छह घर इन्हीं परिस्थितियों से गुजर रहे हैं। खबर में दिए दो उदाहरण इसकी बानगी हैं जो परिस्थितियों के शिकार आम आदमी को और परेशान कर रही हैं।

योग से दूर होगा तनाव

डॉ. रवींद्र पोरवाल बताते हैं कि इन परिस्थितियों से खुश रहकर बचा जा सकता है। बस हमें एक-दूसरे के प्रति प्यार और समर्पण की भावना जागृत करनी होगी। ध्यान, योग और व्यायाम लोगों के लिए मददगार बन रहे हैं। साथ ही परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ भोजन करने, मिलकर घर का काम करने, अंत्याक्षरी और सामूहिक इनडोर गेम खेलने से ऐसी परिस्थितियों से बचा जा सकता है।

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