कोरोना की तीसरी लहर का डर, कानपुर के निजी स्कूलों में पीजी से पांचवीं तक के प्रवेश शुरू

शहर में 100 से अधिक निजी स्कूल हैं। इनमें अधिकतर सीबीएसई बोर्ड से संचालित हैं तो वहीं करीब 50 स्कूल आइसीएसई बोर्ड के हैं। इन स्कूलों में नया सत्र मार्च के पहले हफ्ते से शुरू हो जाता था। मगर पिछले दो वर्षों में पढ़ाई का स्वरूप बदल गया।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 03:21 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 03:21 PM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर का डर, कानपुर के निजी स्कूलों में पीजी से पांचवीं तक के प्रवेश शुरू
कानपुर के स्कूलाें की खबर से संबंधित सांकेतिक फोटो।

कानपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना की तीसरी लहर की आहट को देखते हुए निजी स्कूलों में पीजी से पांचवीं तक के प्रवेश शुरू हो गए हैं। प्रधानाचार्यों का कहना है, पिछले दो सत्रों में कोरोना की पहली व दूसरी लहर में उससे पहले वर्षों की तुलना में 40 प्रतिशत तक प्रवेश कम हुए थे। इसलिए दिसंबर के पहले हफ्ते से ही दाखिले की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। तमाम स्कूलों में जहां अभिभावकों का साक्षात्कार हो रहा है, वहीं कई स्कूल ऐसे हैं जो बच्चों की लिखित परीक्षा कराकर प्रवेश ले रहे हैं।

दरअसल शहर में 100 से अधिक निजी स्कूल हैं। इनमें अधिकतर सीबीएसई बोर्ड से संचालित हैं, तो वहीं करीब 50 स्कूल आइसीएसई बोर्ड के हैं। इन स्कूलों में नया सत्र मार्च के पहले हफ्ते से शुरू हो जाता था। मगर, पिछले दो वर्षों में कोरोना महामारी के चलते पढ़ाई का स्वरूप बदल गया और सत्र भी नियमित न हो सका। स्कूलों को आनलाइन पढ़ाई कराकर सत्र संचालित करना पड़ा। अब, कोरोना की तीसरी लहर को लेकर गतिविधियां शुरू हो गई हैं। ऐसे में स्कूल प्रबंधन चाहता है, कि अधिक से अधिक बच्चों का प्रवेश समय से हो जाए। सर पदमपत सिंहानिया एजूकेशन सेंटर कमला नगर की प्रधानाचार्य भावना गुप्ता ने कहा, कि कई अभिभावकों ने अपने बच्चे के प्रवेश को लेकर संपर्क किया है। प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसी तरह शीलिंग हाउस स्कूल में अभिभावकों का साक्षात्कार होने के बाद बच्चों को दाखिला दिया जा रहा है।

इनका ये है कहना: 

निजी स्कूलों में दिसंबर के पहले हफ्ते से पीजी से पांचवीं तक के प्रवेश चल रहे हैं। हर साल शहर में औसतन 10 हजार बच्चे दाखिला लेते हैं, हालांकि पिछले दो वर्षों में स्कूलों में औसतन पांच से छह हजार प्रवेश हो सके। अभिभावकों ने फीस जमा करने लेकर भी तमाम दिक्कतें बताई थीं। हालांकि, उम्मीद है कि इस सत्र में अच्छी संख्या में प्रवेश होंगे। - बलविंदर सिंह, सिटी कोआर्डिनेटर, सीबीएसई

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