रूप बदलते Coronavirus का नया हथियार हैप्पी हाईपॉक्सिया, नहीं होता सांस फूलने का अहसास और चली जाती है जान
कोरोना संक्रमित रोगी का ऑक्सीजन लेवल धीरे धीरे कम होता चला जाता है और सांस फूलने का अहसास भी नहीं होता है। यह क्रम इतनी तेजी के साथ होता है कि कुछ समझ पाने से पहले रोगी की जान चली जाती है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की वजह से लोगों में सर्दी, बुखार, जुकाम, गले में खराश के साथ ही ऑक्सीजन का स्तर गिरने लगा है। इसमें रोगी की सांस फूलने लगती है। उसको तुरंत अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आती है। लेकिन, इस बार संक्रमितों में हैप्पी हाईपॉक्सिया की समस्या सामने आ रही है। इसमें रोगी के खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता और संवेदनशीलता की वजह से पता नहीं चलता है। बस बुखार, थकान और कमजोरी जैसा महसूस होता है। रोगी के ऑक्सीजन का लेवल धीरे धीरे कम होने लगता है, जबकि उसे सांस फूलने का अहसास भी नहीं होता है। इस बात को समझाने के लिए दो केस काफी हैं...।
केस-1 : शारदा नगर के रिटायर्ड शिक्षक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उन्होंने होम आइसोलेट होकर इलाज शुरू किया। उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई। तीन से चार दिन बाद उनके एक रिश्तेदार ने पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन की जांच कराई तो लेवल 88 निकला। उन्हें हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया।
केस-2 : यशोदा नगर के 44 साल के युवक में कोरोना जैसे लक्षण थे। उसे कई दिनों से बुखार और जुकाम था। उसने सामान्य दवाएं शुरू कराईं, लेकिन फायदा नहीं हुआ। आरटीपीसीआर की जांच कराई। रिपोर्ट नहीं आ सकी। अचानक कमजोरी लगने लगी तो घरवाले उसे लेकर हैलट अस्पताल पहुंचे। ऑक्सीजन का लेवल 85 निकला।
हैप्पी हाईपॉक्सिया से नहीं होता दिक्कत का अहसास
हैलट के कोविड अस्पताल में कई संक्रमित रोगी इस समस्या के साथ आ रहे हैं। ऐसे रोगियों को एचडीयू और आइसीयू में रखना पड़ रहा है। न्यूरो साइंस कोविड हॉस्पिटल के नोडल अधिकारी प्रो.प्रेम सिंह ने बताया कि हैप्पी हाईपॉक्सिया से पॉजिटिव रोगियों को दिक्कत का अहसास नहीं होता है। उनकी इम्यूनिटी और शरीर की क्षमता अच्छी रहती है, जिससे कम होती ऑक्सीजन का असर नहीं होता है। कई बार ऑक्सीजन की खून में कमी होने से गुर्दा, लिवर, दिमाग और शरीर के अन्य हिस्से भी प्रभावित होने लगते हैं। यह स्थिति मधुमेह, हृदय, गुर्दा, लिवर के रोगियों के लिए खतरनाक रहती है।
बढ़ती नहीं कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा
बाल रोग और चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. राज तिलक ने बताया कि हैप्पी हाईपॉक्सिया कोरोना संक्रमितों में हो रही है। इसमें ऑक्सीजन की मात्रा तो कम होती है, लेकिन कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर नहीं बढ़ता है। इसकी वजह से रोगी को तनाव, उलझन, चिड़चिड़ापन, सांस लेने में तकलीफ नहीं होती है। यह प्राय: संक्रमितों में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढऩे पर होता है। इस स्थिति से बचने के लिए ऑक्सीजन का लेवल जांचना जरूरी है।