फेफड़ों को ज्यादा छलनी कर रहा है Coronavirus, तेजी से गिर जाता है ऑक्सीजन लेवल

पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार कोरोना संक्रमित मरीज का ऑक्सीजन का स्तर तेजी से नीचे आ रहा है जिसकी वजह से मरीजों की मौत हो रही है। पहली लहर में एसपीओटू 90 से नीचे रहा था लेकिन इस बार 80 फीसद से नीचे जा रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 10:51 AM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 10:51 AM (IST)
फेफड़ों को ज्यादा छलनी कर रहा है Coronavirus, तेजी से गिर जाता है ऑक्सीजन लेवल
इस बार कोरोना वायरस ज्यादा हमलावर है।

कानपुर, जेएनएन। यह खबर आपको थोड़ा चिंतित जरूर कर सकती है, मगर संक्रमण के खतरे के नजरिए से जागरूक करना बेहद जरूरी है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार कोरोना फेफड़े को और छलनी कर रहा है। संक्रमितों में ऑक्सीजन का स्तर तेजी से नीचे आ रहा है और सांस फूलने, खांसी, गले में खराश आने की समस्या हो रही है। पिछले साल कोरोना से जहां 10 दिन में फेफड़े प्रभावित होते थे, इस बार पांच से सात दिन में असर नजर आने लगता है। शुरुआत धीरे धीरे ही होती है, मगर समय के साथ खतरा बढ़ता जाता है। ऐसे मामले हैलट अस्पताल के कोविड मैटरनिटी विंग व न्यूरो साइंस कोविड अस्पताल में रोजाना आ रहे हैं, जहां संक्रमितों में ऑक्सीन का स्तर बेहद कम मिल रहा है।

न्यूरो साइंस कोविड हॉस्पिटल के आइसीयू इंचार्ज प्रो. अनिल वर्मा ने बताया कि कोरोना की पहली लहर में औसतन गंभीर रोगियों में एसपीओटू (ऑक्सीजन का स्तर) 90 फीसद से नीचे था, लेकिन इस बार 80 से नीचे मिल रहा है। मौजूदा समय में 70 से 80 फीसद ऑक्सीजन क्षमता के रोगी आ रहे हैं। इन्हें आइसीयू में रखा जाता है। 30 से 40 फीसद ऑक्सीजन वाले मरीज भी आए थे, लेकिन कुछ ही देर में उन्होंने दम तोड़ दिया था।

दस्त आने के लक्षण मिले

कोविड मैटरनिटी विंग के इंचार्ज प्रो. सौरभ अग्रवाल ने बताया कि सांस फूलने की समस्या 50 साल से अधिक आयु के रोगियों में तो है, लेकिन युवाओं में भी दिक्कत बढ़ी है। उनमें एसपीओटू का स्तर कम मिला है। खांसी, सांस फूलने की समस्या 80 फीसद, दस्त आने की दिक्कत चार से पांच और शरीर दर्द की पांच-सात फीसद समस्या मिल रही है। इस बार की लहर में वायरस का हमला तेज है।

कोविड अस्पताल का आइसीयू फुल

न्यूरो साइंस कोविड हॉस्पिटल का आइसीयू फुल हो गया है। मैटरनिटी विंग के आइसीयू में जगह खाली है। हैलट अस्पताल प्रशासन ने वार्ड नंबर एक, तीन और चार में मरीजों को भर्ती करना शुरू कर दिया है।

होम क्वारंटाइन रहें सचेत, लक्षणों से भांपे स्थिति

काफी संख्या में लोग होम क्वारंटीन रहकर अपना इलाज कर रहे हैं, लेकिन इसमें जरा सी लापरवाही खतरनाक हो सकती है। पल्स ऑक्सीमीटर से नियमित जांच व फेफड़े का व्यायाम स्थिति को बेहतर करता है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के न्यूरो साइंस कोविड अस्पताल के इंचार्ज प्रो. प्रेम सिंह के मुताबिक कोविड के इस दौर में दो प्रकार के मरीज आ रहे हैं। एक संदिग्ध, दूसरा कंफर्म।

संदिग्ध मरीज में तीन से चार दिन तक बुखार आना प्रमुख लक्षण है। ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द आरटीपीसीआर जांच बेहद जरूरी है। मरीज के कंफर्म होने की दशा में पल्स ऑक्सीमीटर से नियमित जांच करनी चाहिए। यदि एसपीओटू 94 से ऊपर यानी 95, 96, 97 तथा 99 तक है तो बेहतर होता है। बुजुर्गों में एसपीओटू कम और बच्चों में 99 से 100 तक चला जाता है।

बचाव में ये करें गाइड लाइन का पालन करते हुए दवाओं का सेवन करें। बुखार आने पर पैरासिटामॉल, विटामिन सी, ए के साथ नींबू, संतरा लाभदायक। सांस फूलने पर तुरंत कंट्रोल रूप में जानकारी देनी चाहिए। घर पर मरीज और उसका परिवार हमेशा मास्क लगाकर रहे। घर में नियमित सैनिटाइजेशन करते रहना चाहिए।

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