Kanpur Coronavirus News: विपदा की घड़ी में सज गई ठगों की मंडी, आरटीपीसीआर जांच और उपकरण सब नकली
आपदा के समय में ऑनलाइन ठगी करने वालों ने जोर पकड़ लिया है। आरटीपीसीआर जांच और नकली उपकरण बेचकर मरीजों को चूना लगा रहे हैं। शहर में सक्रिय ठगों को पकड़ पाने में पुलिस भी बेबस साबित हो रही है।
कानपुर, जेएनएन। बंगला बाजार निवासी सुरेश बाजपेयी को इंटरनेट मीडिया से एक नंबर मिला, जिसमें घर बैठे आरटीपीसीआर कराने की सुविधा का जिक्र किया गया था। सुरेश ने नंबर मिलाया तो किसी शुभम नाम के युवक ने फोन उठाया। व्यक्तिगत रूप से आरटीपीसीआर कराने का शुल्क सात सौ रुपये और घर जाकर सैंपल लेने पर 900 रुपये है। मगर खतरे का डर दिखाकर शुभम ने उनसे तीन हजार रुपये में सैंपल लेना तय किया। सैंपल लेने के दस दिनों बाद भी रिपोर्ट का अता-पता नहीं था। जब उन्होंने पड़ताल शुरू की तो पता चला कि शुभम ने ऐसे ही करीब 50 लोगों के घरों में जाकर सैंपल लिए और मोबाइल बंद करके बैठा है। एक बार मोबाइल ऑन हुआ तो सैंपल लेने से ही इन्कार कर दिया।
कोरोना महामारी में जहां एक-एक सांस के लिए जद्दोजहद चल रही है, वहीं समाज के ही कुछ लोगों ने आपदा को अवसर बनाकर ठगी का धंधा शुरू कर दिया है। शुभम जैसे युवा उनमें से ही एक हैं। असल में शहर में इस दिनों ठगी की मंडी इस कदर गुलजार है कि पुलिस भी उनके आगे बेबस बनी हुई है। लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर दर्जनों की संख्या में गैंग हैं, जो कि शहरवासियों को चूना लगा रहे हैं। यह ठगी ऑनलाइन भी हो रही है और सामने लोगों के धोखा देकर भी हो रही है। ऐसा ही एक वाकया साकेत निवासी आनंद पांडेय के साथ भी हुआ। उन्होंने ऑनलाइन ऑक्सीमीटर बुक किया था। पहली बार उन्होंने पैकिंग लूज देखकर वापस कर दिया। दोबारा पैकेट आया तो उसमें लोकल कंपनी का ऑक्सीमीटर निकला।
यहां पर ठग तलाश रहे अवसर
- आरटीपीसीआर करवाने के नाम पर
- नकली मेडिकल उपकरण की डिलीवरी
- नकली दवाओं की सप्लाई के मामले
- ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम हाईड्रोजन व कार्बाइड के सिलेंडर दिए
- मेडिकल उपकरण व दवाओं का कम मूल्य का विज्ञापन देकर ऑनलाइन बुकिंग करना, लेकिन सामान सप्लाई न करना। मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी या ठगी करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस ने अभियान शुरू किया है। गुरुवार को ही सात लोग गिरफ्तार किए गए थे। आने वाले दिनों में और सख्ती की जाएगी। ऐसे लोग समाज के दुश्मन हैं। - असीम अरुण, पुलिस आयुक्त