Kanpur Coronavirus News: कैशलेस हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड नहीं मान रहे नर्सिंगहोम, नकदी लेकर भर्ती कर रहे मरीज

कोरोना संक्रमण के संकट काल में भी कुछ लोग आपदा में अवसर तलाशने का काम कर रहे हैं। अस्पतालों में बेड न मिलने के भय से तीमारदार रुपके जमा करके मरीज को नर्सिंग होम में भर्ती करा रहे हैं। नर्सिंगहोम हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड नहीं ले रहे हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 01 May 2021 12:51 PM (IST) Updated:Sat, 01 May 2021 12:51 PM (IST)
Kanpur Coronavirus News: कैशलेस हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड नहीं मान रहे नर्सिंगहोम, नकदी लेकर भर्ती कर रहे मरीज
आपदा में अवसर तलाश रहे नर्सिंगहोम संचालक।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण में मरीजों की स्थिति बहुत तेजी से बिगड़ रही है। इसे देखते हुए तीमारदार अपने बीमार प्रियजनों के प्रति सशंकित रहते हैं। उनकी इसी आशंका का लाभ नर्सिंगहोम उठा रहे हैंं। हेल्थ इंश्योरेंस होने के बाद भी नर्सिंग होम कैश जमा करने का दबाव बना रहे हैं। जो तीमारदार विवाद कर रहे हैं, उनसे एडवांस में कुछ रकम डिपॉजिट करा ली जा रही है। हेल्थ इंश्योरेंस के कार्डधारक किसी तरह मरीज भर्ती हो जाए, यह सोचकर रुपये नर्सिंग होम में जमा कर देते हैं। कैशलेस हेल्थ बीमा होने के बाद भी तीमारदारों से कैश जमा कराने के पीछे कारण यह है कि इस समय अस्पताल फुल हैं और मरीजों को बहुत कम बेड मिल पा रहे हैं। इसी स्थिति का फायदा नर्सिंगहोम उठा रहे हैं।

शहर में अभी 2,600 मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड हैं। इनमें से 360 बेड हैलट, 25 एयरफोर्स अस्पताल, कांशीराम में 115 बेड हैं। इस तरह ये 500 बेड हुए। इनके अलावा बाकी 2,100 बेड नर्सिंगहोम व निजी या ट्रस्ट के अस्पतालों में हैं। जिस समय ये नर्सिंगहोम खाली रहते हैं, ये किसी भी तरह के कार्ड स्वीकार कर मरीजों का इलाज करते हैं, ताकि किसी तरह मरीज आते रहें और रुपये मिलते रहें। अब इनमें से कई नर्सिंग होम संचालक यह कह कर डराते हैं कि जल्दी बेड न लिया तो वह रद हो जाएगा। ऐसे में तीमारदार विवाद नहीं कर पाते।

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कोविड अपने आप जुड़ा है। कोई यह नहीं कह सकता है कि उसमें कोविड का बीमा अलग से नहीं है। जो पुरानी बीमा पॉलिसी हैं, अगर वह तीन वर्ष चल चुकी हैं तो उसमें अपने आप कोविड कवर होगा। इसके अलावा जो भी नई पालिसी दी जा रही हैं, उनमें भी यह जुड़ा हुआ है। अगर किसी ऐसे नर्सिंग होम में इलाज करा रहे हैं जो उस इंश्योरेंस कंपनी से नहीं जुड़ा है तो उस स्थिति में नर्सिंग होम का बिल बाद में कंपनी से क्लेम किया जा सकता है। हालांकि इसमें भुगतान 50 से 60 फीसद ही होता है।

कार्ड पर लिखे टोल फ्री नंबर पर शिकायत करें

बीमा सलाहकारों के मुताबिक ऐसे मामलों में तीमारदारों को कार्ड पर लिखे टोल फ्री नंबर पर तुरंत ही थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (टीपीए) को फोन कर अस्पताल की शिकायत करनी चाहिए। इसके बाद टीपीए की जिम्मेदारी होगी कि वह नर्सिंग होम या अस्पताल प्रबंधन से बात कर आपका कैशलेस प्रवेश कराए। ऐसी स्थितियों में तीमारदार को हिचकना नहीं चाहिए। टीपीए से शिकायत करने पर उस पर कार्रवाई होती है। मरीज का एडमिशन हो जाए, इस पर वे खुद नजर रखते हैं। -शैलेश चौरसिया, बीमा सलाहकार। कोई भी अनुबंधित अस्पताल कोरोना के मरीज को कैशलेस पर लेने से मना नहीं कर सकता। कई शिकायतें आ रही हैं कि एडवांस में पैसा जमा करा रहे हैं कि कंपनी से भुगतान होने पर वापस कर देंगे, लेकिन वे वापस नहीं करते। इसलिए पहले ही शिकायत करनी चाहिए। -प्रदीप मिश्रा, बीमा सलाहकार।

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